बिहार में नीतीश कुमार के साथ NDA की सरकार के बने हुए कुछ ही समय गुजरे हैं। सरकार बनाने में RJD के कुछ विधायकों ने गेम कर दिया था, अब फिर से राजद और कांग्रेस के विधायक सत्तापक्ष के साथ नजर आए। बिहार में ये हो क्या रहा है?

पटना: बिहार के विपक्षी ‘महागठबंधन’ I.N.D.I.A की मुसीबतें रुकने का तो नाम ही नहीं हो रही हैं। अब एक नई मुश्किल का तब जन्म हुई, जब कांग्रेस-राजद गठबंधन के 3 विधायक मंगलवार को राज्य विधानसभा के अंदर सत्तारूढ़ गठबंधन यानी एनडीए (बीजेपी-जदयू) के सदस्यों के साथ बैठे नजर आए। ये सियासी ड्रामा विधानसभा में दोपहर के भोजन के बाद सामने आया, जब सदन में सत्र के दौरान RJD की संगीता कुमारी तथा कांग्रेस के मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सौरव को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जो राज्य BJP अध्यक्ष भी हैं, के पीछे विधानसभा में घुसते हुए देखा गया।

सम्राट चौधरी ने उन्हें ऐसा करने का संकेत दिया जिसके बाद तीनों विधायक सत्ता पक्ष की तरफ बैठ गए और सत्तारूढ़ राजग के विधायकों ने मेजें थपथपाकर सत्र में चल रही कार्यवाही का अनुमोदन भी किया। यह पूरा प्रकरण विपक्षी लोग भी देख रहे थे।
तेजस्वी को अपनों ने ही दिया था झटका

बता दें कि इससे पहले सीएम नीतीश कुमार के विश्वास प्रस्ताव वाले दिन 3 RJD विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी अविश्वास प्रस्ताव में हार गए थे, और जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की नई एनडीए सरकार बनी थी। नीतीश कुमार ने सहयोगी के रूप में भाजपा के साथ, विश्वास मत जीता था।
उस दिन के बाद RJD ने चेतन आनंद, नीलम देवी तथा प्रह्लाद यादव को अयोग्य ठहराने की मांग की है, जिनमें से किसी ने भी अभी तक औपचारिक रूप से पार्टी को अपना त्याग पत्र नहीं सौपा है। अब नए घटनाक्रम में कांग्रेस के भीतर विद्रोह का ये पहला संकेत सामने आया है, जिसने विभाजन के डर से विश्वास मत से पहले अपने 19 विधायकों में से एक को छोड़कर सभी को हैदराबाद भेज दिया था। सिद्धार्थ सौरव, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे कांग्रेस के राज्य नेतृत्व से नाराज थे, ने अपने बिक्रम निर्वाचन क्षेत्र में पहले के व्यस्तताओं का हवाला देते हुए बिहार छोड़ने से साफ तौर से इनकार कर दिया था और वे अब अपना रंग दिखा रहे हैं।
कांग्रेस ने अपनों को ही बताया था गद्दार

बता दें कि पिछले महीने नीतीश कुमार के ‘महागठबंधन’ से अचानक बाहर निकलने और एनडीए में वापसी के बाद मुरारी गौतम ने अपना कैबिनेट स्थान खो दिया था। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने संवाददाताओं से कहा, ”जिन लोगों ने पाला बदल लिया है, उनका नाम इतिहास में गद्दार के रूप में दर्ज किया जाएगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्रॉसओवर के पीछे की बजह क्या हो सकता है, शकील अहमद खान ने बोला, “किसी भी गद्दार के दिमाग को पढ़ नहीं सकता है। हो सकता है कि कुछ प्रलोभन दिए गए हों। लेकिन, उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि क्या उन्हें अपनी वफादारी का सौदा करने के लिए जो कीमत मिली है, वह उन्हें लंबे समय तक कायम रखेगी।”
हालांकि, सिद्धार्थ सौरव ने पलटवार करते हुए बोले, “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मुझे इस बातो का आश्चर्य है कि मुझ पर आरोप लगाए क्यों जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि CM के साथ उनके हमेशा “व्यक्तिगत समीकरण” रहे हैं और “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बहुत सम्मान” रहा है।
जदयू-भाजपा ने तेजस्वी पर बोला हमला

इसपर. JDU MLC और मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि विपक्षी विधायकों को “यह एहसास हुआ होगा कि उन्हें 17 महीने की किये गए कार्य के दौरान किए गए वित्तीय धोखाधड़ी के लिए जवाबदेह होना होगा जब ‘महागठबंधन’ सत्ता में था”।
सम्राट चौधरी ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए हमला बोले, “वहां एक बच्चा है जो खेलने के लिए उत्सुक है। उसे हमने एक खिलौना दिया है।” इशारा तेजस्वी यादव की “खेल अभी भी जारी है।”