नीट पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने एक बड़ी साजिश का खुलासा किया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। इस मामले में न केवल बिहार पुलिस बल्कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने भी बड़ी कार्रवाई की है। नीचे दिए गए दस प्रमुख बिंदुओं में हम इस मामले की विस्तार से चर्चा करेंगे:
1. CBI की कार्रवाई: रविवार को, सीबीआई ने नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच अपने हाथ में ले ली। सीबीआई ने जांच के लिए अपनी टीमों को कई राज्यों में भेजा है और इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है। इसके तहत धारा 20-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत कार्रवाई की जा रही है।
2. बिहार पुलिस की गिरफ्तारी: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने NEET पेपर लीक मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में राज्य में कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी आरोपी नालंदा के रहने वाले हैं और उन्हें झारखंड के देवघर से हिरासत में लिया गया।
3. मुखिया गिरोह का पर्दाफाश: बयान में कहा गया है कि कुख्यात संजीव कुमार उर्फ लुटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले अपने मोबाइल फोन पर पीडीएफ फॉर्मेट में नीट-यूजी परीक्षा की सॉल्व की गई आंसर शीट मिल गई थी।
4. पुलिस की जांच: पुलिस के बयान में दावा किया गया कि मुखिया गिरोह के सदस्य ही लीक आंसर शीट लीक करने के आरोपी हैं। बलदेव और उनके सहयोगियों ने 4 मई को पटना के रामकृष्ण नगर में एक सुरक्षित घर में छात्रों के लिए उत्तर पुस्तिका छापी थी।
5. एनटीए की कार्रवाई: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने इस मामले में 110 अभ्यर्थियों पर कड़ी कार्रवाई की है। बिहार के केंद्रों से 17 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है और गुजरात के गोधरा से 30 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया है।
6. जांच के सबूत: जांचकर्ताओं को पटना के एक सुरक्षित घर से आंशिक रूप से जला हुआ प्रश्न पत्र बरामद हुआ है। उन्होंने पेपर का एनटीए द्वारा प्रदान किए गए संदर्भ प्रश्न पत्र से मिलान किया है, जिससे पेपर लीक की पुष्टि होती है।
7.शिक्षा मंत्रालय की प्रतिक्रिया: शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से उम्मीदवारों, संस्थानों और बिचौलियों द्वारा साजिश, धोखाधड़ी, प्रतिरूपण, विश्वास का उल्लंघन और सबूतों को नष्ट करने सहित कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच करने को कहा है।
8. उच्च स्तरीय पैनल: केंद्र सरकार ने परीक्षा सुधारों पर सुझाव देने और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के कामकाज की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय पैनल गठित किया है। इसका नेतृत्व इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन कर रहे हैं।
9.एनटीए प्रमुख का बदलाव: छात्रों को आश्वस्त करने के लिए एनटीए प्रमुख को बदल दिया गया है और जल्द ही पुन: परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस कदम से छात्रों में विश्वास बहाल करने की कोशिश की जा रही है।
10.एआईसीटीई और यूजीसी की भूमिका: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एनटीए को परीक्षा आयोजित करने में मदद का आश्वासन दिया है। प्रोफेसर टीजी सीतारम ने कहा कि छात्रों को सिस्टम में विश्वास बनाए रखना चाहिए और जो हुआ है उससे उम्मीद नहीं खोनी चाहिए।
इस पूरे मामले ने छात्रों और उनके अभिभावकों को काफी परेशान किया है। शिक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। सीबीआई और एनटीए की जांच और कार्रवाई से उम्मीद की जा सकती है कि दोषियों को सजा मिलेगी और छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहेगा।