नालंदा :बिहार शरीफ सदर अस्पताल के कर्मियों का चरित्र एक बार फिर से संवादों में है, और इस बार गर्भवती महिला की डिलीवरी के समय परिजनों से पैसे मांगने का मामला है। इसके अलावा, अस्पताल की व्यवस्था इस प्रकार है कि मरीज के परिजनों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं। यहां पीड़ित परिजनों की आवाज से कुछ मुद्दे सामने आ रहे हैं।
बिहार शरीफ अस्पताल में हो रहे एक और मामले के बारे में, जहां गर्भवती महिला के डिलीवरी के समय स्वास्थ्य कर्मियों ने परिजनों से पैसे मांगे हैं, इससे जुड़ी बातें आ रही हैं। परिजनों का कहना है कि उन्हें डिलीवरी के लिए पैसे देने को कहा गया और इसके अलावा उन्हें अस्पताल की व्यवस्था से भी कई समस्याएं हो रहीं हैं। इस घटना के बारे में बातचीत करते हुए पीड़ित परिजनों ने कहा कि उन्हें अस्पताल के कर्मियों ने डिलीवरी के लिए पैसे मांगे हैं, जिससे उन्हें बहुत समस्या हो रही है।
उनका कहना है कि ऐसी तरह की मांगें सामाजिक न्याय की अवहेलना करती हैं और इससे गरीबों को और परेशानी होती है। इसके अलावा, पीड़ित परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में दवाइयां नहीं हैं और उन्हें बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं, जिससे उनका खर्च बढ़ रहा है। यह समस्याएं सुनकर लगता है कि अस्पताल की व्यवस्था में कुछ गंभीर सुधार की आवश्यकता है।
इस मामले में लगातार सिविल सर्जन के द्वारा की जाने वाली पहल के बावजूद, इस प्रकार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यह चिंता का विषय है क्योंकि ऐसी घटनाएं सामाजिक न्याय और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को खतरे में डाल सकती हैं।