बिहार में अब दूसरे राज्य के निवासी भी शिक्षक बनने के योग्य हैं। मंगलवार को बिहार सरकार ने इस फैसले पर मुहर भी लगा दी, जिसके बाद बड़ा बवाल शुरू हो गया है। शिक्षक संघ और अभ्यर्थी बिहार सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध कर रहे हैं। जिसके बाद बिहार के शिक्षा मंत्री ने एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे ये बवाल और ज्यादा बढ़ गया है।
महागठबंधन की बैठक के बाद बदला गया नियम
दरअसल, बिहार में इस समय 1 लाख 70 पदों पर भर्ती की जा रही है। बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा उस भर्ती को लेकर विज्ञापन भी जारी कर दिया गया है। पहले इस भर्ती के लिए सिर्फ बिहार के ही निवासी फॉर्म भर सकते थे। लेकिन बिहार सरकार ने 23 जून को पटना में हुई महागठबंधन की बैठक के बाद इस नियम को बदल लिया। अब पूरे देशभर के अभियार्थी इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसे लेकर अभियार्थी बेहद आक्रोश में हैं और वह कड़ा विरोध कर रहे हैं।
बिहार के छात्र योग्य नहीं हैं- शिक्षा मंत्री
ये विवाद तब और ज्यादा बढ़ गया जब बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने इस नियम को बदलने के पीछे की वजह बताई। उनका कहना है कि, कई विषयों को पढ़ाने के लिए बिहार के छात्र योग्य नहीं है। शिक्षा मंत्री ने साफतौर पर कहा कि, ‘बिहार के छात्रों में गणित, साइंस और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए बिहार के छात्र योग्य नहीं हैं। योग्य अभ्यर्थियों के नहीं मिलने के कारण इन विषयों की सीटें खाली रह जातीं थीं। इसके बाद सरकार ने इस तरह का निर्णय लिया है। अब देश के कोई भी अभ्यर्थी इसमें शामिल हो सकते हैं। टैलेंटेड अभ्यर्थी इस बहाली की प्रक्रिया में शामिल होंगे और उनकी बहाली होगी।’