2024 के लोकसभा चुनाव के आसपास भाजपा के सांसदों की टेंशन में बढ़ोतरी हो रही है। भाजपा ने नमो एप पर अपने सांसदों का फीडबैक लेने का निर्णय किया है, जिससे टिकट देने में आसानी हो। जनता से तीन संभावित नाम भी मांगे गए हैं, और यह स्पष्ट है कि चुनाव में कई सांसदों का टिकट कट सकता है।

कुछ हफ्ते पहले, दिल्ली से राज्यों में विधायकी लड़ने के लिए भेजे गए सांसदों ने चौंकाया, क्योंकि विधायक से सांसद बनना विधायक से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। भाजपा की संरचना ऐसी है कि किसी अनजान चेहरे को जल्दी ही मुख्यमंत्री बना दिया जा सकता है और केंद्र में मंत्री विधायक बनकर रह जाते हैं। इस संबंध में, 2024 के चुनाव से पहले ही भाजपा के सांसदों की चिंता बढ़ सकती है।

भागवा दल ने नमो एप के जरिए ‘जन-मन’ सर्वे शुरू किया है, जिससे जनता से सीधे फीडबैक प्राप्त करने का मकसद है। इस सर्वे में जनता से तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम भी मांगे गए हैं, जिससे साफ है कि सिटिंग सांसदों को लेकर जनता की राय जानने का प्रयास किया जा रहा है। यह उन्हें टिकट मिलने से पहले ही जनता के परफॉर्मेंस को मापने में मदद करेगा।
सर्वे में जनता से सांसदों के कामकाज, पहुंच, और तीन पैरामीटरों के आधार पर तीन संभावित उम्मीदवारों के नामों को चुनने का मौका दिया गया है। साथ ही, मोदी सरकार के कामकाज को भी रेट करने के लिए उत्तरदाताओं को विभिन्न विकल्प दिए गए हैं, जिससे पार्टी को जनता की राय से मिलने वाली सही दिशा मिल सके।

भाजपा की इस पहल का मकसद जनता के साथ सीधे जुड़ना है और टिकट देने से पहले ही उनकी राय जानना है। पिछले कुछ वर्षों में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा हो, लेकिन उसका जनाधार इतना बड़ा है कि विपक्षी गठबंधन भाजपा को अपने पाले में लाए या न लाए, लेकिन उसे इग्नोर नहीं सकता है।
भाजपा ने पहले भी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे सर्वे का आयोजन किया था, जिससे उसने अपने प्रत्याशियों को चयन करने में मदद की थी। इस बार भी उसी दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है ताकि जनता के मुद्दों को सुना जा सके और उसके अनुसार टिकट दिया जा सके। इससे पार्टी को चुनौती प्राप्त करने वाले क्षेत्रों में सही प्रत्याशियों का चयन करने में मदद मिल सकती है और उसे जनता का साथ ज्यादा पा सकती है।