सी-295 एयरक्राफ्ट की आज भारतीय वायुसेना में शामिल होने से भारत की रक्षा ताकत में बड़ी बढ़ोतरी हो रही है. इसके साथ ही, चीन को भी टेंशन हो सकता है, क्योंकि यह एयरक्राफ्ट लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में संवाहक भूमिका निभा सकता है. इसके फीचर्स में शॉर्ट टेकऑफ और लैंडिंग की क्षमता होने के कारण, यह चुनौतीपूर्ण ताकत क्षेत्रों में भी उपयोगी हो सकता है.
इसके अलावा, C-295 एयरक्राफ्ट की क्षमता है कि यह 7,050 किलोग्राम के पेलोड को उठा सकता है और विभिन्न सैन्य जनरों को संवाहक के रूप में उपयोग करने में सक्षम है. इसके साथ ही, यह एयरक्राफ्ट लगातार 11 घंटे तक उड़ सकता है, जिससे यह दुर्दिनी कार्रवाई के लिए भी उपयोगी हो सकता है.सी-295 एयरक्राफ्ट के इन विशेषताओं के साथ, इसका शॉर्ट टेकऑफ और लैंडिंग करने की क्षमता इसे तनावमुक्त तरीके से सीमावर्ती क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए आदर्श बनाती है.
चीन के लिए इसका मौद्रिक महत्व हो सकता है, क्योंकि वे भारत के इस एयरक्राफ्ट को ड्रैगन की नाक में दम करने से प्रतिरोध करने के लिए कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं.
इस प्रकार, सी-295 एयरक्राफ्ट के प्रस्तावित प्रयोग से भारतीय वायुसेना की ताकत में वृद्धि होने की संभावना है, जो एक महत्वपूर्ण रक्षा और सुरक्षा प्राथमिकता है।