कनाडा और भारत के बीच हाल के संबंधों में एक बड़ी रुग्णता आई है। भारत ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपों को खारिज किया है, जो टिप्पणी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर किए थे। इसके परिणामस्वरूप, कनाडा ने भारत से अपने संबंधों को स्थिति से बाहर कर दिया था और कई कूटनीतिक संबंध बंद कर दिए थे।
हाल ही में, कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने बताया कि वह भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ संपर्क में हैं और वह दोनों देशों के बीच द्विपक्षी संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करेंगी। उन्होंने इस मामले पर भारत सरकार के साथ संवाद में रहने की प्रतिबद्धता जताई और आपत्तिजनक आरोपों को स्वीकृति नहीं दी। इस विवाद के माध्यम से बना हुआ माहौल यह सुझाता है कि कनाडा अब फिर से भारत के साथ संबंधों को स्थापित करने के लिए तैयार है, और इसमें उनके प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
इस मामले में दोनों देशों के बीच दशकों पुराने द्विपक्षी संबंधों की चर्चा की जा रही है, जो मेलानी जॉली ने मजबूती से बताया है। उनके अनुसार, दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंध हैं और इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। जस्टिन ट्रूडो ने पहले भारतीय एजेंटों की लिप्तता की संभावना का आरोप लगाया था, जिसका भारत ने खारिज किया था। इसके बाद, भारत ने कनाडा के साथ कई संबंधों को स्थानीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समाप्त कर दिया और देश से कुछ कनाडाई राजनयिकों को निकाल दिया।
मेलानी जॉली का यह बयान यह सिद्ध करता है कि कनाडा भारत के साथ अपने संबंधों को पुनः स्थापित करने की कड़ी मेहनत कर रहा है और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए तैयार है।