CBSE ने अपनी वर्षो पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए 2024 में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इस नए निर्णय के अनुसार, 10वीं और 12वीं के छात्रों को अब डिवीजन और डिस्टिंक्शन की मार्कशीट पर नहीं मिलेगा। यह निर्णय छात्रों को ओवरऑल डिवीजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं देने का आदान-प्रदान बदल देगा।
सीबीएसई ने इस नए निर्णय के साथ ही मेरिट लिस्ट को भी समाप्त कर दिया है, जिससे छात्रों को अब उनके नतीजों में ओवरऑल परसनटेज, डिवीजन या डिस्टिंक्शन की जानकारी नहीं मिलेगी। इसके बजाय, छात्रों को अब उनके द्वारा चुने गए पांच या उससे ज्यादा विषयों के परीक्षण पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
सीबीएसई के कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, संयम भारद्वाज ने बताया है कि छात्रों ने जो भी पांच से ज्यादा विषय लिए हैं, उन्हें इंस्टीट्यूट या इंप्लॉयर को तय करना होगा कि वे कौन-कौन से पांच विषयों को बेस्ट मानते हैं। इससे आने वाले समय में छात्रों को अपनी रूचियों और क्षमताओं के हिसाब से अध्ययन करने का और भी मौका मिलेगा।
यह निर्णय आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा बदलाव लाने वाला है और सीबीएसई ने छात्रों को अध्ययन में नए दृष्टिकोण और दिशानिर्देशों की दिशा में बढ़ने का एक नया माध्यम प्रदान किया है। इससे आने वाले पीढ़ियों को अध्ययन की प्रक्रिया में नई चुनौतियों का सामना करना होगा, जो उन्हें अपनी क्षमताओं को सही दिशा में प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करेगा।