समझाना मुश्किल है कि चीन और कनाडा के बीच इतनी तनातनी कैसे शुरू हुई, पर यह स्पष्ट है कि कनाडा के गैरजिम्मेदाराना रवैये ने भारत के साथ रिश्तों को भी प्रभावित किया है. कनाडा ने भारत के साथ जो रवैया अपनाया, उसके बाद अब चीन के साथ भी मुठभेर में आ गया है.
चीन ने कनाडा से कहा है कि उसे सबसे पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए, और इसके पीछे की कारणों को समझना आवश्यक है. इसके पीछे भी विभिन्न मुद्दे हैं, जैसे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर केस में कनाडा की भूमिका और चीन के आरोपों के खिलाफ कनाडा की पकड़ में कमी. यहां तक कि चीन ने कहा है कि कनाडा बिना सबूत के चीन के खिलाफ गलत सूचना फैला रहा है और इससे दोनों देशों के रिश्तों पर बुरा असर हो सकता है.
विदेश मंत्री मेलानी जोली ने चीन से जुड़े एक संगठन के बारे में गलतफहमी की बातें दूर करने का प्रयास किया है, लेकिन इससे भी समस्याएं बढ़ सकती हैं.इस तरह की तनातनी का सामना कनाडा को मई 2023 से हो रहा है, जिसमें चीन के साथ कई मुद्दे शामिल हैं. चीन ने कनाडा को बेवजह बदनाम करने का आरोप लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते कठिन हो रहे हैं.
कनाडा का दावा है कि वह चीन के आंतरिक मामलों में दखल के लिए टोरंटो कंसुलेट के एक चीनी अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठा रहा है, जिससे रिश्तों में तनातनी बढ़ी है. चीन ने इसे झूठा कहा है और कहा है कि कनाडा चीन को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है.
इस पूरे मामले से साफ है कि कनाडा और चीन के बीच रिश्ते एक अवस्था में हैं जहां तनातनी और आपसी आलोचनाएं बढ़ रही हैं, और इसका सीधा असर दोनों देशों के बीच रिश्तों पर हो रहा है.