यह जी-20 समिट (G-20 Summit) और इटली के बीआरआई (Belt and Road Initiative – BRI) से संबंधित विवरण प्रदान करता है। इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से बीआरआई से बाहर निकलने की संभावना को सुझाई है। हालांकि, फैसला अभी लिया नहीं गया है। इसके पीछे के कुछ कारण हैं, जैसे कि इटली ने बीआरआई का हिस्सा बनने का फैसला किया था, लेकिन अब उनके संबंध चीन की नीतियों के साथ दुखद रूप से जुड़े होने के बारे में सवाल खड़े हो रहे हैं।
चीन के बीआरआई के खिलाफ विशेष इकॉनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा
चीन के बीआरआई और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर भारत, मिडिल ईस्ट और यूरोप के बीच इकॉनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा हुई है, जिसके चलते ये देश खुद के आर्थिक संबंध बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, चीन चिढ़ गया है क्योंकि इससे उनके बीआरआई और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर प्रतिस्पर्धा हो रही है।
भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि
इटली का मकसद भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर का निर्माण करके मध्य पूर्व के देशों को भारत से जोड़ना है, इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि होगी और लाभ होगा। इस प्रक्रिया से शिपिंग समय और लागत में कमी होगी और रेलवे, शिपिंग, और सड़क परिवहन मार्गों का उपयोग होगा। यह बीआरआई और चीन के प्रोजेक्ट्स का उत्तराधिकार है और इससे इटली के संबंधों पर असर पड़ सकता है। चीन की नीयत पर संदेह होने का कारण है कि वे अक्सर अपने कर्ज के जाल में दूसरे देशों को फंसाते हैं और उनके संसाधनों पर कब्जा कर लेते हैं। इसके उदाहरण के रूप में श्रीलंका का उल्लेख किया गया है। इससे इटली जैसे देशों के साथ संबंधों की सख्ती हो रही है।
भारत-मिडिल-ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर का महत्वपूर्ण विकल्प
भारत-मिडिल-ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर: इटली के लिए भारत, मिडिल ईस्ट, और यूरोप के साथ एक नया आर्थिक कॉरिडोर शुरू करने का समझौता एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है। यह कॉरिडोर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का माध्यम हो सकता है और इटली को नए व्यापारिक अवसरों का दरवाजा खोल सकता है।
इस पर विचार करके इटली ने बीआरआई से निकलने का मन बना लिया है, जो बीआरआई के प्रोजेक्ट्स को पूरी तरह से दोषित कर सकता है। इसके बदले में, वे भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के साथ जुड़कर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अधिक सक्रिय होने का प्रयास कर रहे हैं।