उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में रूड़की के नेहरू स्टेडियम में भाजपा के प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रचार कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें समर्थन दिया। इस जनसभा के दौरान उन्हें एक बच्चे के साथ मुलाकात करने का मौका मिला, जिसने उनकी वेशभूषा में खड़े होकर उन्हें छोटे योगी के रूप में देखा। उन्होंने उस बच्चे को लखनऊ आने का न्यौता भी दिया।
यह घटना चुनावी माहौल में एक नए आयाम को दर्शाती है। यह नहीं सिर्फ एक साधारण इन्सिडेंट नहीं है, बल्कि एक ऐसी संदेशवाही है जो सामाजिक जागरूकता और समाज सेवा के प्रति भावना को उत्तेजित करती है। योगी आदित्यनाथ के इस कार्य के माध्यम से यह साबित होता है कि राजनीतिक नेताओं के लिए जनता की सेवा करना महत्वपूर्ण है।
इस घटना से यह साबित होता है कि सत्ता में होने वाले व्यक्ति को सिर्फ राजनीति के माध्यम से ही नहीं, बल्कि सामाजिक संदेशों के माध्यम से भी लोगों के बीच जाकर उनके साथ जुड़ना चाहिए। यह भावना दिखाती है कि राजनीतिक नेताओं को सिर्फ वोट हासिल करने के लिए ही नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए भी लोगों के बीच उतरना चाहिए।
इस घटना से यह भी साबित होता है कि बच्चों में राजनीतिक जागरूकता बढ़ रही है। बच्चे भी अब राजनीति के मामलों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं और उन्हें राजनीतिक नेताओं की पहचान हो रही है। यह उनकी सामाजिक जागरूकता और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी की भावना को बढ़ावा देता है।

इस घटना के माध्यम से यह भी प्रकट होता है कि राजनीतिक नेताओं को अपने समर्थकों और लोगों के साथ संवाद करने का तरीका बदलना चाहिए। वे अपने समर्थकों के साथ सीधे संपर्क में आने की जरूरत है, ताकि उन्हें अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं को सही ढंग से समझ सकें और उनके लिए सही समाधान ढूंढ सकें।
इस तरह की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि राजनीतिक नेता न केवल अपने वादों को पूरा करें, बल्कि समाज की सेवा के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। इस तरह के संदेश हमें यह सिखाते हैं कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन को लाने के लिए हमें सभी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। यही हमारे लिए सच्चे लोकतंत्र की स्थापना का मार्ग है।