दिल्ली सरकार ने कोचिंग सेंटर्स को रेगुलेट करने के लिए एक नया कानून लाने का ऐलान किया है। इस महत्वपूर्ण कदम की घोषणा दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। यह निर्णय दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद लिया गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे और इस घटना ने सरकार को कोचिंग सेंटर्स के लिए सख्त नियम और कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कमेटी का गठन
आतिशी सिंह ने कहा कि कोचिंग सेंटर्स को रेगुलेट करने के लिए दिल्ली सरकार एक कमेटी का गठन करेगी। इस कमेटी में अधिकारियों के साथ-साथ स्टूडेंट्स और कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कमेटी का उद्देश्य होगा कि कोचिंग सेंटर्स के लिए सख्त और प्रभावी नियम बनाए जाएं जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
फीस पर नजर
आतिशी सिंह ने कहा कि नए कानून के तहत कोचिंग संस्थानों की फीस पर भी रेगुलेटर की नजर होगी। इसका मतलब है कि कोचिंग सेंटर्स को मनमानी फीस वसूलने से रोका जाएगा और फीस का निर्धारण छात्रों और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
ओल्ड राजेंद्र नगर हादसा

ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर के बेसमेंट हादसे के बाद, दो महत्वपूर्ण बातें सामने आईं। पहला, जिस नाले पर जलभराव हो रहा था, उस पर कोचिंग सेंटर्स ने अतिक्रमण किया हुआ था, जिससे पानी निकल नहीं पा रहा था। दूसरा, बेसमेंट में क्लास और लाइब्रेरी चल रही थी, जो पूरी तरह से गैरकानूनी था। बेसमेंट का प्रयोग केवल पार्किंग और स्टोरेज के लिए किया जा सकता है, लेकिन इन कोचिंग सेंटर्स ने इसे अध्ययन केंद्र बना दिया था।
अधिकारियों पर कार्रवाई
शुरुआती जांच रिपोर्ट के आधार पर एमसीडी ने कार्रवाई शुरू की है। जिस जूनियर इंजीनियर (JE) की जिम्मेदारी थी, उसे एमसीडी से बर्खास्त कर दिया गया है और असिस्टेंट इंजीनियर (AE) को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया है। आतिशी सिंह ने कहा कि जैसे ही पूरी जांच रिपोर्ट सामने आएगी, यदि और भी अधिकारी इस घटना में शामिल पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोचिंग सेंटर्स की आवश्यकता
दिल्ली में कोचिंग सेंटर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए, यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है। लाखों छात्र और छात्राएं कोचिंग सेंटर्स पर निर्भर रहते हैं ताकि वे अपने करियर को सही दिशा में आगे बढ़ा सकें। इसलिए, इन संस्थानों के लिए सख्त नियम और कानून बनाना आवश्यक हो गया है ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

छात्रों और उनके अभिभावकों ने दिल्ली सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि कोचिंग सेंटर्स के लिए सख्त नियम और कानून बनाना आवश्यक है ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आए।
कोचिंग सेंटर्स की भूमिका
कोचिंग सेंटर्स की भूमिका शिक्षा क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण होती है। ये संस्थान छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करते हैं और उनके करियर को एक नई दिशा देते हैं। लेकिन, इसके साथ ही इन संस्थानों को अपनी जिम्मेदारियों का भी ध्यान रखना चाहिए और सभी कानूनी और सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए।
सरकार का उद्देश्य
दिल्ली सरकार का उद्देश्य कोचिंग सेंटर्स के संचालन में पारदर्शिता लाना और उन्हें नियमों के तहत चलाना है। इसके लिए नए कानून का गठन किया जा रहा है जो कि छात्रों और उनके अभिभावकों के हित में होगा।
दिल्ली सरकार का कोचिंग सेंटर्स को रेगुलेट करने के लिए नया कानून लाने का निर्णय एक सराहनीय कदम है। इससे न केवल छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि कोचिंग सेंटर्स की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। इस नए कानून के तहत कोचिंग सेंटर्स को नियमों का पालन करना होगा और छात्रों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने में मदद करेगा।