पार्टी के चुनावी परिणामों के बाद, कांग्रेस में उठे सवालों के साथ ही राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर नए सवाल भी खड़े हो रहे हैं. गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी के लिए भी उम्मीदवार बनाया जा रहा था, लेकिन चुनावी हार के बाद इस पर सवाल उठ रहे हैं. क्या गहलोत राहुल गांधी के निशाने पर हैं?
राहुल गांधी ने गहलोत के तर्क को माना नहीं कि राजस्थान में भाजपा के ध्रुवीकरण के कारण कांग्रेस की हार हुई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी रही, जिससे ठीक से वोटरों तक कम्युनिकेशन नहीं हुआ. राहुल के अनुसार, नए प्रत्याशियों को टिकट मिलने पर भी नतीजा अलग हो सकता था.
गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ने का जोरूरारी ऐलान करने पर भी चर्चा हो रही थी. उनकी आत्मविश्वासपूर्ण बातें और सीएम का फैसला विधायकों को सौंपने का दृढ इरादा दिखाती थीं. लेकिन चुनावी परिणाम ने हालात को बदल दिया है. क्या गहलोत अब राहुल गांधी के निशाने पर हैं?
चुनावी रणनीतिकारों के अनुसार, गहलोत को प्रत्याशियों का चयन करने में अधिक लोगों को शामिल करने का जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन चुनावों में हुए हार के बाद इस पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हार के कारण गहलोत ने भाजपा के ध्रुवीकरण का इलाज किया. इससे राहुल गांधी असहमत हुए क्योंकि कांग्रेस और भाजपा के वोट शेयर में अंतर केवल 2 प्रतिशत था.
गहलोत के बागी स्वभाव की वजह से उन्होंने 2012 से 2015 तक नेशनल स्क्वॉश चैंपियनशिप का बायकॉट किया था. इस बायकॉट का कारण उनका विरोध था कि पुरुष और महिला खिलाड़ियों के बीच बराबरी की मांग को नजरअंदाज किया जा रहा था. इसके बाद, उन्होंने अपने बागी एवं स्वतंत्र स्वभाव के कारण कई बार कांग्रेस नेतृत्व से भी असहमति जताई है.
कुछ स्रोतों के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस को युवाओं की नाराजगी को देखकर उन्होंने नए प्रत्याशियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता महसूस की है. उनका कहना है कि यदि नए उम्मीदवारों को ज्यादा टिकट मिलते तो राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति बेहतर हो सकती थी.
चुनावी रणनीतिकारों के हवाले से कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने चुनावी परिणाम के बाद कांग्रेस सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की सराहना की, लेकिन उन्होंने यह भी माना कि पार्टी ने व्यापक रूप से इसे मतदाताओं तक पहुंचाने में असफल रहा.
अब राजस्थान में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए आगे क्या होगा, इसका नतीजा बहुत जल्दी ही सामने आ सकता है. यह देखने के लिए हम सभी कुछ दिनों का इंतजार कर सकते हैं.