नए साल के आगमन में कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, और भारत ने दुनिया भर में 19वें नंबर पर पहुंच गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस वक्त भारतीयों में नए वेरिएंट से नुकसान की आशंका कम ही लगती है क्योंकि अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या फिलहाल न के बराबर है।

कोवैक्सीन के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के हेड, डॉ संजय राय, के अनुसार, भारत में नए वेरिएंट से नुकसान की आशंका कम है, क्योंकि अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या अभी भी न्यूनतम है।
दुनिया भर में कोरोना के मामले महीने भर में बढ़ रहे हैं, और भारत ने भी इसमें शामिल हो लिया है। एक हफ्ते में भारत ने 26वें नंबर से 19वें नंबर पर पहुंचा है। रिकवरी भी तेजी से हो रही है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समय वैक्सीन की नई डोज़ की आवश्यकता नहीं है।

विश्व में पिछले महीने में 4,67,261 नए केस दर्ज किए गए हैं, और भारत में भी कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कुल मामले के हिसाब से भारत 19वें नंबर पर पहुंच गया है, जबकि रूसिया पहले नंबर पर है। इस समय भारत में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 4,000 से ज्यादा है।
वेरिएंट JN.1 (Omicron) के मामले भी बढ़ रहे हैं, और इससे जुड़े मामलों में कोरोनावायरस की बीमारी इस बार लंबी पारी खेलने आई है. कोरोना के नए वेरिेेएंट (JN.1) के मामले देश मे तेज़ी से बढ़ रहे हैं. 28/12/2023 तक देश में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 के 145 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. ये सभी सैंपल 21 नवंबर से 18 दिसंबर के बीच का हैं. इन 145 मामलों में से सबसे अधिक 41 केस केरल से दर्ज हुए हैं. सेकेण्ड नंबर पर गुजरात है जहां से 36 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वही महाराष्ट्र से 9, तमिलनाडु से 4, गोवा से 14, कर्नाटक से 34, राजस्थान से 4, तेलंगाना से 2 और दिल्ली से भी JN.1 का 1 मामला रिपोर्ट हुआ है.

24 घंटे में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा भी तेज़ी से बढ़ा है भारत में आज 798 नए केस रिपोर्ट हुए हैं, और इसमें 5 लोगों की मौत हुई है। इससे भारत में कुल मामले 4,091 हो गए हैं, जिनमें से बहुत से लोग अच्छा हो रहे हैं।
डॉ संजय राय के अनुसार, वैक्सीन से मिली इम्युनिटी और कोरोना से मिली एंटीबॉडी से मिली सुरक्षा ही काफी है, और इस समय बूस्टर डोज़ की जरुरत नहीं है।

कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, हाइजीन, और सुरक्षित व्यवहार का पालन करना महत्वपूर्ण है। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुसरण करें, हाथों को सुधारे, भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें, और लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह सभी हमें सतर्क रहने और अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।