सरकार ने रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो के वायरल होने के बाद एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और इस पर कड़ी नजर रखने का आलोचनात्मक माहौल बना है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने सोशल मीडिया कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें मौजूदा नियमों को दोहराया गया है। इस एडवाइजरी के अनुसार, डीपफेक्स जैसे खतरनाक कृत्यों के लिए सजा मिल सकती है, जो तीन साल जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना शामिल हो सकता है।
इस एडवाइजरी के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को नियमों और गोपनीयता नीति का पूरा पालन करना होगा। उन्हें डीपफेक्स और अन्य खतरनाकी वीडियोज को रोकने के लिए कठिनाईयों का सामना करना होगा और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 के 66D नियमों को पूरा करना होगा।
इस नए कदम से साफ होता है कि सरकार ने तकनीकी दुरुपयोग और खतरनाक डीपफेक्स को लेकर सख्ती बनाए रखने का निर्णय लिया है। डीपफेक्स एक गंभीर समस्या है जो आम लोगों को बहुत ही आसानी से गुमराह कर सकती है और सरकार इसे नियंत्रित करने के लिए सकारात्मक कदम उठा रही है।
रश्मिका मंदाना के मामले में, उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले डीपफेक्स वीडियो को बहुत दुखद और डरावना बताया है। उन्होंने डीपफेक्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है और सोशल मीडिया कंपनियों को इस पर जवाबदेही लेने की आवश्यकता है।
इस समय, जब तकनीकी उन्नति तेजी से हो रही है, सरकार को इस नए आतंक से निपटने के लिए मौजूदा नियमों को मजबूत करने की आवश्यकता है और इसमें डीपफेक्स जैसे हानिकारक प्रवृत्तियों के खिलाफ सख्ती बनाए रखना आवश्यक है।