दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हाल ही में एक सोने की तस्करी का मामला सामने आया है, जिसमें कस्टम विभाग ने दो लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही स्तरों पर हलचल मचा दी है, खासकर तब जब एक आरोपी ने खुद को कांग्रेस नेता शशि थरूर का पीए बताया। इस घटना के बाद शशि थरूर ने भी एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने आरोपी को अपने स्टाफ का पूर्व सदस्य बताया।
कस्टम विभाग के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट पर दो आरोपियों को 500 ग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया गया। इनमें से एक आरोपी की पहचान शिव कुमार प्रसाद के रूप में हुई, जिसने दावा किया कि वह शशि थरूर का पीए है। इस दावे ने मामले को और भी जटिल बना दिया है। हालांकि, शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि आरोपी व्यक्ति उनके स्टाफ का पूर्व सदस्य था और केवल अंशकालिक सेवा प्रदान करता था।
शशि थरूर ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि जब वह चुनाव प्रचार के लिए धर्मशाला गए थे, तब उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि आरोपी 72 वर्षीय रिटायर्ड व्यक्ति है, जिसका बार-बार डायलिसिस होता है और अनुकंपा के आधार पर उसे अंशकालिक आधार पर रखा गया था। थरूर ने यह भी कहा कि वह किसी भी गलत कार्य का समर्थन नहीं करते और मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कानून को अपना काम करना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
यह घटना भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है, क्योंकि इसमें एक प्रमुख राजनीतिक नेता का नाम जुड़ा हुआ है। यह पहली बार नहीं है जब किसी राजनीतिक व्यक्ति या उसके सहयोगियों का नाम तस्करी या अन्य अवैध गतिविधियों में जुड़ा है, लेकिन हर बार यह घटना जनता के बीच व्यापक चर्चा और विवाद का कारण बनती है।
कस्टम विभाग अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या आरोपी ने पहले भी सोने की तस्करी की थी या यह उसकी पहली कोशिश थी। जांच टीम यह भी देख रही है कि तस्करी का यह नेटवर्क कितना बड़ा है और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं। कस्टम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आरोपी से पूछताछ जारी है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में और भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आएगी।
सोने की तस्करी के मामले में गिरफ्तारियां अक्सर होती रहती हैं, लेकिन जब इसमें किसी राजनीतिक नेता का नाम जुड़ जाता है, तो यह मामला और भी संवेदनशील हो जाता है। यह न केवल आरोपी के लिए बल्कि उस नेता और उसकी पार्टी के लिए भी एक बड़ी चुनौती होती है। इस मामले में, शशि थरूर ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए अपने स्टाफ के पूर्व सदस्य को दोषी ठहराया और कानून का पालन करने की अपील की, जिससे उनकी छवि पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
यह घटना यह भी दिखाती है कि सोने की तस्करी कितनी व्यापक हो चुकी है और तस्कर नए-नए तरीके अपना रहे हैं। कस्टम विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है कि वे ऐसे मामलों को समय रहते पकड़ें और दोषियों को सजा दिलाएं।
अंत में, इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि कानून और व्यवस्था का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है, चाहे वह एक सामान्य नागरिक हो या एक राजनीतिक नेता। शशि थरूर का बयान इस दिशा में एक सही कदम है, जिसमें उन्होंने कानून का समर्थन करते हुए दोषियों को सजा दिलाने की बात कही है। उम्मीद की जा सकती है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और तस्करी के इस नेटवर्क का पर्दाफाश होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।