यमुना के किनारे छठ मनाने पर यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. यहां हाईकोर्ट ने एक नोटिफिकेशन को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ याचिका दायर करने वाले संगठनों को रोक लगाई है. नोटिफिकेशन के अनुसार, यमुना के किनारे छठ पूजा मनाने पर रोक लगा दिया गया है ताकि यमुना का प्रदूषण ना बढ़े. इसके परिणामस्वरूप, छठ पूजा संग्रह समितियां और अन्य संगठनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, जस्टिस सुब्रमण्यम ने यह देखा कि यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए यह बैन लगाया गया था. इसके बावजूद, याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के रुख को देखते हुए अपनी याचिका वापस ली है. दिल्ली सरकार के पेशवार ने बताया कि दिल्ली के विभिन्न वार्डों में तालाब बनाए गए हैं ताकि लोग छठ पूजा मना सकें. हाईकोर्ट ने नोटिफिकेशन को स्वीकार किया और यमुना के किनारे छठ पूजा मनाने पर रोक लगाने की नीति को समर्थन किया है.
यहां याचिका को खारिज कर देने से यमुना के किनारे छठ मनाने की इजाजत पर विवाद बना रहा है. नोटिफिकेशन के अनुसार, कुछ तय जगहों पर ही छठ पूजा मनाने की इजाजत है, लेकिन यह जगह यमुना के किनारे नहीं होनी चाहिए. याचिकाओं ने इसे मनमाना और असंवैधानिक बताया है, क्योंकि इससे लोगों को उनका धार्मिक उत्सव छठ पूजा को यमुना किनारे मनाने से रोका जा रहा है. यह उनके मूल अधिकारों का हनन है, इस तरह की तर्ज पर याचिकाओं ने विरोध किया है.
इस तरह से, हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी यमुना के किनारे छठ मनाने का मुद्दा जारी रहेगा, लेकिन इस पर कुछ स्थानों पर ही इजाजत होगी. यह नोटिफिकेशन यमुना की सफाई और प्रदूषण कंट्रोल के उद्देश्य से जारी किया गया है, और इसे लेकर विरोध हो रहा है क्योंकि यह धार्मिक आदर्शों को प्रतिबंधित करता है।