दिल्ली में आबोहवा की खराबी ने एक बार फिर से नए स्तरों को छू लिया है, और शहर की वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) ने 500 के करीब पहुंच लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सीधे रूप से दिल्ली, पंजाब, और उत्तर प्रदेश को फटकारते हुए कहा है कि इस नवंबर महीने में सबसे प्रदूषित हो रहा है। इसके पीछे के कारणों में पराली की जलन, वाहनों और फैक्ट्रियों से निकला धुआं शामिल हैं। दिल्ली के एक्यूआई 400 के पार होने के बाद नई पाबंदियों की बातें हो रही हैं।
वेबसाइट aqicn.org के मुताबिक, दिल्ली के जहांगीरपुरी में AQI ने खतरनाक स्थिति में 498 का स्कोर प्राप्त किया है, जबकि दिल्ली का औसत AQI 445 है। यह स्थिति सांस लेने के लिए खतरनाक है और हवा में प्रदूषकों की मात्रा बहुत अधिक है। राजधानी में 22 इलाकों में भी AQI 400 के पार हो गया है, जिससे बड़े प्रदूषण के कारण पाबंदियां लग सकती हैं।
मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों तक दिल्ली को प्रदूषण से राहत मिलने की आशा कम है, और ग्रेड-4 की पाबंदियों की फिर से लागू की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत को बताते हुए राज्यों को फटकारा लगाया है, और इसमें पराली जलाने का भी महत्वपूर्ण योगदान होने की मांग की गई है।
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने काफी सख्ती दिखाई है. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा,यूपी और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. खासतौर से प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयासों को लेकर इन राज्यों से जवाब तलब किया गया था. इन सुनवाइयों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा को पराली जलाने को लेकर कड़ाई से सख्ती बरतने के लिए कहा था. पहली सुनवाई 31 अक्टूबर को हुई थी जिसमें न्यायालय ने इन राज्यों से प्रदूषण को लेकर क्या कार्रवाई की गई है, ये पूछा था. 7 नवंबर की सुनवाई में हरियाणा पंजाब को पराली जलने से रोकने के लिए कहा गया. 10 नवंबर की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि बीते छः वर्षों से वो प्रदूषण को लेकर क्या कर रहे थे?
इस अस्तित्व के बीच, दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्ती से सवाल पूछा है कि उन्होंने पिछले 6 वर्षों में प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। मौसम की गति में तेजी के आसार के बावजूद, नवंबर के अंत तक दिल्ली को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, जब हवा की गति तेज हो सकती है और प्रदूषकों को डिस्पर्स किया जा सकता है।