आतिशी ने सीएम को 650 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच की जा रही है। यह मामला उनके बेटे से जुड़ा है और नरेश कुमार को अपने बेटे को अवैध लाभ पहुंचाने के आरोप में फंसा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, नरेश कुमार ने अपने बेटे को साल 2015 में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 75 लाख रुपये में जमीन खरीदने का मौका दिया था। इसके बाद, जमीन का महंगा रेट पर अधिग्रहण हुआ और उससे कंपनी को 850 करोड़ रुपये का अवैध लाभ हुआ। आतिशी ने इस मामले में तत्काल जांच करने के लिए प्रारंभिक रिपोर्ट बनाई और उसे सीएम केजरीवाल को सौंप दी है।
इस मामले में सीएम के आदेश पर विजिलेंस मंत्री आतिशी ने जांच का प्रारंभ किया था, जिसमें नरेश कुमार को अपने बेटे को नौकरी देने के खिलाफ आरोप लगे हैं। दिल्ली सरकार को इस शिकायत का पता अक्टूबर महीने में लगा था और तब से ही जांच का प्रक्रियात्मक रूप से संज्ञान लिया जा रहा है।
बता दें कि द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में घोटाले को लेकर सीएम केजरीवाल से मामले की शिकायत की गई थी। इसी मामले में सीएम ने सतर्कता मंत्री आतिशी को जांच करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आरोप है कि सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए अधिक मुआवजा पाने के लिए एक व्यक्ति के रिश्तेदार ने नरेश कुमार के बेटे को नौकरी दी। वहीं अब इन मामलों की जांच की जाएगी। दिल्ली सरकार को यह शिकायत अक्टूबर महीने में मिली थी। फिलहाल इस पूरे मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार का कोई बयान सामने नहीं आया है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस मामले में निर्देश देने के बाद से ही राजनीति में इस पर चर्चा हो रही है। कुछ लोग मानते हैं कि नरेश कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और इसे गंदी राजनीति के तहत देखा जा रहा है। हमें देखना होगा कि इस मामले की आगे की प्रक्रिया कैसे बढ़ती है और क्या नतीजा निकलता है।