देश में हर साल सावन के महीने में लाखों कांवड़िये भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य तीर्थ स्थानों की यात्रा करते हैं। इस दौरान दिल्ली में भी बड़ी संख्या में कांवड़िये आते हैं और यहां से होते हुए हरियाणा और राजस्थान की ओर बढ़ते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इस बार कश्मीरी गेट पर देश का सबसे बड़ा कांवड़ कैंप स्थापित किया है।
आतिशी का दौरा
दिल्ली सरकार की राजस्व मंत्री आतिशी ने बुधवार को इस कांवड़ कैंप का दौरा किया और अधिकारियों को इस बात के निर्देश दिए कि कांवड़ियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने कैंप की तैयारियों का जायजा लेते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने 20,000 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की है। एक सरकारी बयान के मुताबिक, आतिशी ने कैंप के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया और सुरक्षा, स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की जानकारी ली।
कैंप की सुविधाएं
इस कैंप में कांवड़ियों के लिए पुरुष और महिला के लिए अलग-अलग हॉल बनाए गए हैं। इसके साथ ही प्रसाद ग्रहण करने के लिए विशाल भोजन कक्ष की भी व्यवस्था है। यहां वाटरप्रूफ टेंट, सोने की व्यवस्था, स्वच्छ पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में कुल 185 कांवड़ शिविर लगाए गए हैं, जिनमें कश्मीरी गेट का शिविर सबसे बड़ा है।
चिकित्सा सुविधाएं
कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी शिविरों में चौबीसों घंटे चिकित्साकर्मी तैनात रहेंगे। स्थानीय मेडिकल स्टोर्स को शिविरों से जोड़ा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर कांवड़ियों को तत्काल दवाइयां और चिकित्सा सहायता मिल सके। इसके अलावा, आपात स्थिति के लिए कैट एम्बुलेंस भी तैनात की गई हैं।
सुरक्षा और स्वच्छता
कांवड़ियों की सुरक्षा और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। शिविरों में स्वच्छ पानी और शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। दिल्ली भर में प्रशासन को चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
कांवड़ यात्रा की शुरुआत
सावन के महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है और इसी के साथ कांवड़ यात्रा भी प्रारंभ हो गई है। यह यात्रा 2 अगस्त (शिवरात्रि) को समाप्त होगी। बड़ी संख्या में कांवड़िये दिल्ली पहुंचेंगे और यहां से हरिद्वार, गंगोत्री, हरियाणा और राजस्थान की ओर बढ़ेंगे।
कांवड़ियों का स्वागत
दिल्ली सरकार ने कांवड़ियों के स्वागत के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार श्रद्धालुओं की सेवा और उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी तैयारियों को जल्द से जल्द पूरा करें ताकि कांवड़ियों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
कांवड़ यात्रा और सियासत
कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ कांवड़ियों द्वारा उपद्रव करने के मामले भी सामने आते हैं, जिन पर जमकर सियासत होती है। कुछ लोग कांवड़ियों की भक्ति और श्रद्धा के सामने नतमस्तक हो जाते हैं, तो वहीं कुछ लोग उनके द्वारा किए गए उपद्रव पर सवाल उठाते हैं। इस साल भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है।
कांवड़ यात्रा एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा प्रकट करते हैं। दिल्ली सरकार ने कांवड़ियों की सुविधाओं और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कश्मीरी गेट पर देश का सबसे बड़ा कांवड़ कैंप स्थापित किया है, जिसमें 20,000 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। मंत्री आतिशी के दौरे और निर्देशों के बाद उम्मीद की जा सकती है कि इस साल की कांवड़ यात्रा कांवड़ियों के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित होगी।