चीन के नए राजदूत शू फेइहोंग ने भारत में अपना कार्यकाल आरंभ किया है और उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए वादा किया है। उन्होंने भारत के साथ काम करने के लिए अपनी तैयारी जताई है और बातचीत के माध्यम से विशिष्ट मुद्दों का समाधान खोजने का आग्रह किया है। उन्होंने भारत और चीन के बीच समझौते की महत्वपूर्णता को भी बताया है।
शू फेइहोंग के भारत में पहुंचने के साथ ही चीन के राजदूत का पद खाली रहने वाला 18 महीनों का अंतराल समाप्त हो गया है। उन्होंने अपने पहले आदेश में भारत के और चीन के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्थन के लिए उनके प्रयासों की प्रशंसा की।
भारत के चीनी राजदूत के रूप में नई नियुक्ति का स्वागत हुआ है। भारत-चीन संबंधों के महत्वपूर्ण समय में, उनकी भूमिका विशेष महत्वपूर्ण है। उन्होंने दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
शू फेइहोंग का भारत में आगमन पूर्वी लद्दाख में हाल ही में हुए लंबे समय तक चले सैन्य गतिरोध के बीच हुआ है। उन्होंने इस मामले पर चीन और भारत के बीच संवाद और समझौते की महत्वपूर्णता को भी जाहिर किया है।
शू फेइहोंग का भारत में राजदूत के रूप में आगमन देशों के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने का संकल्प भी दिखाता है। उन्होंने भारत के चीनी राजदूत के रूप में अपनी योगदानी की ओर आग्रह भी किया है।
शू फेइहोंग ने भारत में अपने पहले दिनों में विभिन्न मीडिया संगठनों के साथ बातचीत की है और अपने उद्देश्यों और कार्यक्रमों को साझा किया है। उन्होंने भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए अपने काम की महत्वता पर जोर दिया है और विश्वास दिलाया है कि वे अपना कार्य समर्थनपूर्ण तरीके से करेंगे।