दिल्ली में हुए भीषण हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। विवेक विहार स्थित न्यू बोर्न बेबी केयर हॉस्पिटल में भीषण आग लगने से सात नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने न केवल प्रभावित परिवारों को, बल्कि पूरे समाज को गहरे शोक में डाल दिया है। आग की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने अस्पताल के मालिक नवीन को गिरफ्तार कर लिया है। इस हादसे के बारे में जानकारियां तेजी से फैल रही हैं, और हर कोई इस दर्दनाक घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त कर रहा है।
घटना की पृष्ठभूमि
विवेक विहार के न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में 24 मई की रात भीषण आग लग गई। इस आगजनी की घटना ने रात 11.32 बजे फायर सर्विस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई थी। मौके पर फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियां भेजी गईं। फायर ब्रिगेड की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 12 बच्चों को बचाया, जबकि 5 अन्य बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से एक बच्चा वेंटिलेटर पर है।
आग की वजह
आग की वजह का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। फॉरेंसिक टीम और डीसीपी शाहदरा सुरेंद्र चौधरी ने घटना स्थल पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सिलेंडरों में धमाकों के साथ आग लगी थी। यह धमाके इतने जोरदार थे कि आग ने तेजी से फैलते हुए आसपास की दुकानों और बिल्डिंगों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
हादसे में हुए नुकसान
इस हादसे में सात नवजात बच्चों की मौत हो गई है, जो बेहद दुखद और हृदय विदारक है। मरने वाले बच्चों के शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। इसके अलावा, आग ने दो अन्य इमारतों को भी प्रभावित किया है। फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल के अनुसार, आग से दो अन्य इमारतें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।
अस्पताल मालिक की गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अस्पताल के मालिक नवीन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के गंभीर आरोप शामिल हैं। इस गिरफ्तारी के बाद अस्पताल के कर्मचारियों और प्रबंधन पर भी सवाल उठने लगे हैं।
परिजनों की प्रतिक्रिया
इस हादसे में अपने बच्चों को खोने वाले परिजनों का दुःख और गुस्सा सातवें आसमान पर है। उन्होंने सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया और भारी रकम वसूलने के बावजूद कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए गए थे।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस भयानक हादसे के बाद सरकार और प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में कूलर, पंखे, एसी, वाटर कूलर आदि की आवश्यक रूप से क्रियाशील रखने की हिदायत दी गई है। साथ ही, इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की जा रही है।
समाज की भूमिका
इस तरह की घटनाओं से समाज को भी सीख लेनी चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम जिन संस्थानों पर भरोसा करते हैं, वे सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हों। सरकार और प्रशासन को भी चाहिए कि वे समय-समय पर अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच करें और लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करें।
दिल्ली में हुए इस भयानक हादसे ने सभी को गहरे शोक में डाल दिया है। सात मासूम बच्चों की मौत न केवल उनके परिवारों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सुरक्षा मानकों का पालन कितना महत्वपूर्ण है। अस्पतालों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए और सरकार को भी सुरक्षा उपायों की निगरानी को सख्त करना चाहिए। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लेते हुए हम भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बच सकेंगे।