डिजिटल इंडिया का मिशन ने विश्व भर में अपनी प्रौद्योगिकी और तकनीकी ताकत का प्रदर्शन किया है और इसका परिणाम स्वरूप यूनाइटेड नेशंस (UN) के महासचिव गिल का कहना है कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लीडर बन सकता है। वह यह भी कहते हैं कि भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में विश्व में एक अलग स्थान प्राप्त किया है और ‘ग्लोबल साउथ’ में एआइ का लीडर बन सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एआइ में भारत को विश्व में एक मुख्य स्थान पर रखने का एलान किया है, और इस पर UN ने आत्मसमर्पण से इसे स्वीकृति दी है। गिल का कहना है कि भारत ने डिजिटल इंडिया के माध्यम से एआइ के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है और इसे एक विश्वस्तरीय लीडर के रूप में मान्यता प्राप्त हो सकती है।
गिल ने बताया कि भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में बहुत बड़ी सफलता हासिल की है और यहां होने वाले एआइ के उपयोग के माध्यम से ‘ग्लोबल साउथ’ में एक अग्रणी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत का अनुभव और इसे दिखाए जाने वाले जोखिम दुनिया भर के विकासशील देशों के लिए एक मिसाल बना सकता है।
गिल ने यह भी कहा कि भारत का नेतृत्व विकासशील देशों की चुनौतियों के सामने आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और ग्लोबल साउथ क्षेत्र में भारत के साथी देशों के साथ महत्वपूर्ण होगा। इसमें इंडोनेशिया, ब्राजील, केन्या, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं, जो चीन और अमेरिका जैसे आर्थिक गिगांटों के साथ सीधे मुकाबले की स्थिति में हैं।
इससे यह साबित होता है कि भारत ने अपने डिजिटल इंडिया मिशन के माध्यम से तकनीकी उन्नति में कई कदम आगे बढ़ाए हैं, और यह विश्वभर में एआइ के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सकता है।