राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक अमीन कागजी द्वारा की गई टिप्पणी से सियासी बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस विधायक ने राज्य की डिप्टी CM और वित्तमंत्री दीया कुमारी को ‘बेचारी मैडम’ कहकर अपमानजनक टिप्पणी की, जिसके बाद दीया कुमारी ने इसे कांग्रेस की बुरी मानसिकता का प्रतीक बताते हुए कड़ी निंदा की है। इस घटना ने राज्य की राजनीति में महिला सशक्तिकरण और सम्मान के मुद्दे को फिर से उजागर कर दिया है।
घटना का विवरण
जयपुर में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने दिया कुमारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘अधिकारियों ने बेचारी मैडम को पौने तीन घंटे खड़ा रख दिया’। यह टिप्पणी कांग्रेस के बजट भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए की गई थी। अमीन कागजी ने कहा कि भजनलाल सरकार का पहला पूर्ण बजट उन्हीं अधिकारियों ने बनाया है जिन्होंने गहलोत सरकार में बनाया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के बड़े-बड़े ऐलान को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया गया है, जिसके कारण दिया कुमारी को पौने तीन घंटे खड़ा रहना पड़ा।
दिया कुमारी की प्रतिक्रिया
इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए दिया कुमारी ने एक वीडियो जारी किया और कांग्रेस विधायक पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो उनके मंत्री ने कहा था कि यह मर्दों का प्रदेश है, और आज कांग्रेस MLA प्रदेश की वित्त मंत्री को ‘बेचारी वित्त मंत्री’ कह रहे हैं। इसका मतलब कांग्रेस को महिला के वित्त मंत्री बनने पर बहुत बड़ी आपत्ति है।”
महिला सशक्तिकरण का मुद्दा
दिया कुमारी ने कहा कि भाजपा सरकार ने देश के वित्तमंत्री का पद भी महिला को दिया है और प्रदेश में भी एक महिला को वित्तमंत्री बनाया है, जो महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा, “महिला सशक्तिकरण से कांग्रेस को आपत्ति है। कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि महिलाओं को आगे नहीं बढ़ना चाहिए। महिलाओं को सिर्फ घर में बैठ कर काम करना चाहिए, महिलाओं को कोई पद नहीं मिलना चाहिए। यह बहुत ही ओछी मानसिकता को दर्शाता है। यह बहुत ही गलत बयानबाजी है।”
साधुओं पर कांग्रेस की टिप्पणी
दिया कुमारी ने साधुओं पर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “साधुओं पर भी कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी बहुत ही गलत है। कांग्रेस का पूरा गठबंधन ही सनातन विरोधी गठबंधन है। इससे पहले भी कांग्रेसियों ने हिंदू धर्म को लेकर उल्टे-सीधे बयान दिए थे। जनता इस पार्टी की मानसिकता को भली-भांति जानती है।”
महिला सशक्तिकरण और कांग्रेस की राजनीति
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कांग्रेस पार्टी महिला सशक्तिकरण को लेकर गंभीर है या नहीं। दिया कुमारी ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं को नसीहत दी कि उन्हें महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए और उन्हें सम्मान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए और महिलाओं को समान अवसर देने चाहिए।
राजस्थान विधानसभा में हुई इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। दिया कुमारी की प्रतिक्रिया ने यह साफ कर दिया है कि भाजपा महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर गंभीर है और कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाया है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि राजनीति में महिलाओं को सम्मान और समान अवसर देने की आवश्यकता है। कांग्रेस पार्टी को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए और महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए।
यह घटना हमें यह सिखाती है कि राजनीति में सम्मान और समानता का महत्व है और हमें महिलाओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित करना चाहिए। यह केवल राजनीतिक दलों के लिए नहीं बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है।