चेन्नई: DMK नेता उदयनिधि स्टालिन ने पुराने विवाद को एक बार फिर जिंदा करते हुए कहा है कि वह हमेशा सनातन का विरोध करते रहेंगे और कानूनी कार्रवाई होने की सूरत में भी अपने पुराने बयान को नहीं बदलेंगे। DMK नेता स्टालिन के पिछले बयानों को लेकर विवाद उठा हुआ है, और उनका नया बयान विपक्षी दलों के लिए मुसीबत बन सकता है।

मद्रास हाई कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन के बयानों पर तमिलनाडु पुलिस को फटकार लगाई थी, कहते हुए कि किसी भी व्यक्ति को विभाजनकारी विचारों को बढ़ावा देने या किसी विचारधारा को समाप्त करने का अधिकार नहीं है।
उदयनिधि स्टालिन ने अपने नए बयान में कहा, “हम कई सालों से सनातन के बारे में बात कर रहे हैं। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) एक हालिया मुद्दा है। सनातन धर्म का मुद्दा सैकड़ों साल पुराना है। हम इसका हमेशा विरोध करेंगे।”

उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना, डेंगू और मच्छरों के साथ की और कहा, “हम कोरोना, डेंगू और मच्छरों का विरोध नहीं कर सकते। हमें इन्हें खत्म करना होगा और इसी तरह सनातन को भी समाप्त करना होगा।”
उदयनिधि ने आगे कहा, “मैंने जो कहा वह सही था और मैं कानूनी परिणाम भुगतने को तैयार हूं। मैं अपना बयान नहीं बदलूंगा।” उनका मानना है कि सनातन का विरोध करने की बजाय इसे समाप्त कर देना चाहिए।

उदयनिधि स्टालिन के नए बयान ने सियासी दलों में हलचल मचा दी है और उनके पुराने बयानों की चर्चा को फिर से तेज़ कर दिया है। इस बयान से कैसे सामाजिक और राजनीतिक संदेश निकलता है, इसका सटीक नतीजा आने वाले दिनों में सामने आएगा।