बिहार के गोपालगंज जिले में अपराधियों के खिलाफ नया संघर्ष आरंभ हो चुका है, और बिहार पुलिस ने टॉप 100 अपराधियों को पकड़ने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। यह नया कदम उन अपराधियों को पकड़ने का प्रयास है, जो काफी लंबे समय से फरार चल रहे हैं और सामाजिक सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।
गोपालगंज पुलिस की महत्वपूर्ण पहल
गोपालगंज पुलिस ने अपने अपराधियों की सूची तैयार की है, जो लंबे समय से फरार चल रहे हैं और जिले के न्यायिक प्रक्रिया को हांक रहे हैं। इस सूची में 100 अपराधियों का नाम शामिल है, जो विभिन्न अपराधों में शामिल हैं।
ढोल-नगारों का सहारा
बिहार पुलिस ने अपनी पकड़ने की प्रक्रिया में ढोल-नगारों का सहारा लिया है। इन ढोल-नगारों की सामर्थ्य और ड्रम्स की आवाज अपराधियों को भागने से रोकती है, जिससे पुलिस का काम आसान होता है। पुलिस अब अपराधियों के घर तक ढोल-नगारों के साथ पहुंच रही है और उनके घर पर एक इश्तिहार चश्पा रही है। अगर अपराधी खुद को पुलिस के हवाले नहीं करते हैं, तो उनके घर को कुर्क कर दिया जाएगा, जिसके लिए पुलिस ने कोर्ट से आदेश भी प्राप्त किया है।
स्वर्ण प्रभात की बातें
गोपालगंज के SP स्वर्ण प्रभात ने इस पहल को सुनाते हुए कहा कि इस समय जिले में फरार अपराधियों के खिलाफ कठिन कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने टॉप 100 अपराधियों के खिलाफ एक विशेष टीम की गठन की है और सरेंडर नहीं होने पर उनकी संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नैन मटिहानी गांव में कार्रवाई
इस पहल का अहम हिस्सा नैन मटिहानी गांव में हुआ है, जहां पुलिस ने मकसूद नट की हत्या के मामले में कठिन कदम उठाए हैं। इस मामले में कुल 14 अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज है जिसमे अब तक 7 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, मगर 7 अभियुक्त अभी भी फरार हैं। पुलिस इन अभियुक्तों को सरेंडर करने के लिए कह रही है, और अगर ये नहीं होता है, तो उनकी संपत्ति जब्त करने के लिए कोर्ट से इश्तिहार निकाला गया है।
इस नए कदम से बिहार पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है और सामाजिक सुरक्षा को मजबूती से बढ़ावा दिया है। अपराधियों को पकड़ने तथा उनकी सम्पति को जब्त करने के लिए यह नया और साहसी कदम साबित हो सकता है और न्यायिक प्रक्रिया को स्विफ्ट कर सकता है।*