अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर फायरिंग करने के मामले में फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) लगातार नए-नए खुलासे कर रही है। इस घटना ने अमेरिकी राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था में हलचल मचा दी है। एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने बुधवार को सांसदों को बताया कि आरोपी के लैपटॉप से जो जानकारी मिली है, वह बेहद चौंकाने वाली है। इस लेख में हम जानेंगे कि आरोपी ने कैसे और क्यों इस घटना को अंजाम दिया, और एफबीआई के ताजा खुलासों से क्या-क्या पता चला है।
आरोपी की पहचान और सर्च इतिहास

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने बताया कि आरोपी थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने गूगल पर पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के हत्या करने वाले ली हार्वे ओसवाल्ड के बारे में सर्च किया था। क्रुक्स ने गूगल पर यह जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की थी कि “केनेडी की हत्या करने वाला ओसावाल्ड कितनी दूर खड़ा था?” इस सर्च से यह संकेत मिलता है कि क्रुक्स ने ट्रंप पर हमला करने से पहले पूरी तैयारी की थी और उसने यह जानने की कोशिश की थी कि गोली चलाने के लिए उसे किस स्थान पर खड़ा होना चाहिए।
हमले की तैयारी
क्रुक्स ने 6 जुलाई को गूगल पर सर्च किया और इसके एक सप्ताह बाद पेनसिलवेनिया के बटलर में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाई। एफबीआई की जांच में यह बात सामने आई है कि क्रुक्स ने हमले से एक हफ्ते पहले रैली स्थल का दौरा किया था और लगभग 20 मिनट तक वहां रुका था। उसने शूटिंग से 2 घंटे पहले रैली प्लैटफॉर्म से लगभग 200 गज की दूरी पर एक ड्रोन उड़ाया था, जिससे वह लाइवस्ट्रीम और फुटेज देख सके। इससे यह साफ होता है कि उसने हमले की पूरी तैयारी की थी और वह रैली स्थल की स्थिति को अच्छी तरह से समझना चाहता था।
हमले का मकसद अज्ञात

हालांकि, एफबीआई अभी तक यह नहीं जान पाई है कि क्रुक्स ने डोनाल्ड ट्रंप को ही निशाना क्यों बनाया। क्रिस्टोफर रे ने बताया कि एफबीआई का मानना है कि क्रुक्स ने अकेले ही इस हमले को अंजाम दिया था। हालांकि, एजेंसी अभी भी यह जांच कर रही है कि क्या इस हमले के पीछे कोई और भी शामिल था या नहीं। एफबीआई ने क्रुक्स की गतिविधियों और ऑनलाइन एक्टिविटी की एक डिटेल टाइमलाइन भी तैयार की है, ताकि यह समझा जा सके कि उसने कब और कैसे इस हमले की योजना बनाई।
एफबीआई की जांच
एफबीआई ने इस हमले की जांच को आतंकवाद के केस के रूप में लिया है। इस हमले में रैली में शामिल एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एजेंसी ने क्रुक्स के लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइसेज की जांच की है, जिससे यह पता चला है कि उसने घटना को अंजाम देने से पहले गूगल पर कई तरह की सर्च की थी। इसके अलावा, एफबीआई ने क्रुक्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स और अन्य ऑनलाइन एक्टिविटी की भी जांच की है, ताकि यह पता चल सके कि उसने कहीं से प्रेरणा ली थी या नहीं।

डोनाल्ड ट्रंप पर हमला करने वाले आरोपी थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के लैपटॉप से मिले जानकारियों ने यह साबित कर दिया है कि उसने इस घटना की पूरी तैयारी की थी। एफबीआई की जांच अभी भी जारी है और एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस हमले के पीछे का असली मकसद क्या था। हालांकि, यह साफ है कि क्रुक्स ने अकेले ही इस हमले को अंजाम दिया था। एफबीआई के ताजा खुलासों से यह भी पता चला है कि क्रुक्स ने गूगल पर पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के हत्या करने वाले ली हार्वे ओसवाल्ड के बारे में सर्च किया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि उसने इस हमले की पूरी योजना बनाई थी।
डोनाल्ड ट्रंप पर हुए इस हमले ने अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था और राजनीति में हलचल मचा दी है। यह घटना इस बात की भी याद दिलाती है कि सार्वजनिक जीवन में शामिल व्यक्तियों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। एफबीआई की जांच से और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं, जिनका हम सभी को इंतजार रहेगा।