आज संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है, और इसके पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश करने जा रही हैं। यह सर्वे देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा होता है और आगामी बजट के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि इकोनॉमिक सर्वे क्या होता है और इसके प्रमुख बिंदु क्या हैं।
देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा:

इकोनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा होता है। यह वित्त मंत्रालय का प्रमुख सालाना दस्तावेज होता है, जिसे वित्त मंत्री संसद में पेश करती हैं। इस दस्तावेज में पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति, विभिन्न सेक्टर्स का प्रदर्शन, सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, और आगामी चुनौतियों का विस्तृत ब्योरा होता है।
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे में?:
इकोनॉमिक सर्वे में तमाम सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में बताया जाता है। इसमें ग्रोथ के ट्रेंड्स, निवेश की स्थिति, प्रमुख आर्थिक आंकड़े, और सेक्टरवार आर्थिक रुझानों की जानकारी दी जाती है। इसमें कृषि, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, रोजगार, महंगाई, और एक्सपोर्ट जैसे विभिन्न डेटा का विश्लेषण किया जाता है। यह सरकार का एक प्रकार का रिपोर्ट कार्ड होता है, जिसमें यह जानकारी होती है कि सरकार को कहां से आय होगी, कहां खर्च होगा, महंगाई कितनी रहेगी, और कौन सा सेक्टर पास हुआ या फेल हुआ है।
इकोनॉमिक सर्वे के होते हैं 2 हिस्से:

इकोनॉमिक सर्वे को दो हिस्सों में पेश किया जाता है। पहले हिस्से में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है, जिसमें पिछले साल के आर्थिक प्रदर्शन और ग्रोथ के रुझानों का ब्योरा होता है। दूसरे हिस्से में प्रमुख आर्थिक आंकड़ों की जानकारी होती है, जिसमें सरकारी योजनाओं, निवेश, और सेक्टरवार प्रदर्शन का विश्लेषण होता है।
कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे:
इकोनॉमिक सर्वे को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों की इकोनॉमिक्स डिविजन तैयार करती है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है। इसे तैयार करने में विभिन्न सेक्टर्स के डेटा का विश्लेषण किया जाता है और उसे एक समग्र दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इसे रिलीज करने से पहले वित्त मंत्री की मंजूरी लेनी होती है और फिर इसे संसद में पेश किया जाता है। इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार चालू वित्त वर्ष का ब्यौरा पेश करते हैं।
इकोनॉमिक सर्वे का महत्व:

इकोनॉमिक सर्वे का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह दस्तावेज आगामी बजट के लिए एक प्रमुख आधार होता है। सरकार इस दस्तावेज के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी देती है और आगामी योजनाओं की रूपरेखा तय करती है। यह सर्वे यह भी बताता है कि सरकार की नीतियां और योजनाएं कितनी प्रभावी रही हैं और आगे किस दिशा में काम करने की जरूरत है।
आज का दिन संसद के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे पेश करने जा रही हैं। इस सर्वे में देश की आर्थिक स्थिति का विस्तृत विश्लेषण होता है और यह बजट के लिए एक महत्वपूर्ण आधार होता है। इस सर्वे के जरिए यह समझने में मदद मिलती है कि पिछले साल की नीतियों का क्या प्रभाव पड़ा और आगे की राह क्या होनी चाहिए।
इकोनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक सेहत का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो न केवल पिछले एक साल की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करता है बल्कि आगामी बजट की दिशा भी तय करता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाने वाला यह सर्वे एक प्रमुख आधार होता है, जो देश की आर्थिक दिशा और नीतियों को समझने में मदद करता है।