बिहार की राजनीति में हाल ही में एक नई हलचल मची है, जब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के नौ बच्चों पर की गई टिप्पणी पर तीखा पलटवार किया। नीतीश कुमार ने अपनी चुनावी रैलियों में लालू यादव के परिवार के बड़े आकार पर कटाक्ष करते हुए कहा था, “क्या कोई इतने बच्चे पैदा करता है?” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राबड़ी देवी ने न केवल अपने परिवार का बचाव किया, बल्कि नीतीश कुमार के अपने बेटे को संभालने में असमर्थता पर भी कटाक्ष किया।
राबड़ी देवी ने कहा, “नीतीश कुमार का एक बेटा है और वह उसे भी नहीं संभाल पाए।” उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह चुनाव प्रचार के दौरान गाली-गलौज कर रहे हैं और उन्हें इस बात से भी दिक्कत है कि हमारे नौ बच्चे हैं। राबड़ी देवी ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने और लालू प्रसाद ने न केवल अपने परिवार का पालन-पोषण किया है, बल्कि बिहार राज्य का भी संचालन किया है, और यदि आवश्यकता पड़ी तो वे देश को भी चला सकते हैं।
यह टिप्पणी न केवल राजनीतिक कटाक्ष थी, बल्कि यह दर्शाने का भी प्रयास था कि बड़ी संख्या में बच्चों का होना एक कमजोरी नहीं बल्कि एक ताकत हो सकती है। राबड़ी देवी ने यह भी बताया कि उनके सभी बच्चे अपने पैरों पर खड़े हैं और अब पति-पत्नी मिलकर घर चला रहे हैं। इस प्रकार उन्होंने अपने परिवार की सामर्थ्य और सामंजस्य को उजागर किया।
राबड़ी देवी ने अपने बयान में यह भी दावा किया कि चुनाव “पलट गया है” और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को हार का सामना करना पड़ रहा है। यह बयान उनके आत्मविश्वास और राजद की स्थिति को मजबूत करने का संकेत था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य में एक रैली के दौरान तेजस्वी यादव के जेल जाने की टिप्पणी पर भी राबड़ी देवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जितनी गाली देना है, जेल भेजना है, सब कुछ कर लें। और सब कुछ कर लिया है, अब क्या करेंगे। अब तैयार रहे जाने के लिए।” राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि दस साल में उन्होंने देश के लिए क्या किया है। उन्होंने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि वह जनता को गुमराह कर रहे हैं और असली मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं।
राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री के बयान पर तंज कसते हुए कहा, “कोई बुड़बक लड़का भी वैसा भाषण नहीं देगा जैसा मोदी जी दे रहे हैं। प्रधानमंत्री अपनी गरिमा को गिरा दिये हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री विकास, रोजगार और महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर नहीं बोल रहे हैं, बल्कि आरक्षण को लेकर झूठे बयान दे रहे हैं।
उन्होंने उपमुख्यमंत्री और राज्य भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी की इस टिप्पणी की भी खिल्ली उड़ाई कि चुनाव परिणाम आने के बाद राजद के शीर्ष नेता अपने घरों से भाग जाएंगे। राबड़ी देवी ने चुटकी लेते हुए कहा, “हां, बिल्कुल। हम सभी सम्राट चौधरी के घर पर धावा बोलेंगे।” यह टिप्पणी उनके आत्मविश्वास और राजद की चुनावी तैयारी को दर्शाती है।
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में पारिवारिक मुद्दों और व्यक्तिगत कटाक्षों ने एक नया मोड़ ले लिया है। राबड़ी देवी का बयान न केवल राजनीतिक प्रतिक्रिया थी, बल्कि यह एक मजबूत संदेश था कि वह और उनका परिवार राजनीति में मजबूती से खड़े हैं।
भारतीय राजनीति में ऐसे विवाद और कटाक्ष कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन ये घटनाएँ जनता के बीच विभिन्न नेताओं की छवि को प्रभावित करती हैं। राबड़ी देवी ने जिस तरह से नीतीश कुमार और पीएम मोदी के बयानों का जवाब दिया, उससे यह स्पष्ट होता है कि वह न केवल अपने परिवार का बल्कि अपने राजनीतिक दल का भी मजबूती से नेतृत्व करने को तैयार हैं।
राजनीति में ऐसे बयानों और प्रतिक्रियाओं का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में इसका क्या परिणाम निकलता है। राजनीति में धैर्य, समझ और संतुलित बयानबाजी की आवश्यकता होती है, और राबड़ी देवी का यह बयान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।