महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों के चलते वे एक नई कड़ी में फंस गई हैं। टीएमसी सांसद के रूप में उनकी एकता बचा रही है, लेकिन निशिकांत दुबे और उनके साथी नेताओं के आरोपों ने उन्हें संसद की एथिक्स कमेटी के सामने खड़ा कर दिया है। इसमें यह आरोप शामिल हैं कि महुआ मोइत्रा ने अपनी विदेश यात्राओं की जानकारी नहीं दी और पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप भी उठा है।
मोइत्रा ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनके खिलाफ ये आरोप झूठे और अपमानजनक हैं। उन्होंने इसका खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने किसी के साथ लॉगिन आईडी और पासवर्ड साझा नहीं किया और उन्होंने इसे सिर्फ मदद के लिए किया था, जिसमें कोई गड़बड़ नहीं थी।
इस मामले में निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा को आड़े हाथों लिखे पत्र के माध्यम से आरोप लगाए हैं कि उन्होंने पैसे लेकर सवाल पूछने का प्रयास किया। उनके अनुसार, इसमें सुरक्षा के लिए भी खतरा है और वह ने एक सरकारी संस्था के साथ समझौता करके अपनी आईडी और पासवर्ड साझा किया है, जो सुरक्षा की दृष्टि से अनैतिक है।
इस संबंध में एथिक्स कमेटी के सामने मोइत्रा को प्रस्तुत होना हो सकता है और यह स्थिति उनके लिए राजनीतिक दृष्टि से भी कठिन हो सकती है। इसके बावजूद, मोइत्रा ने खुलकर अपने खिलाफ लगे आरोपों का सामना करने का दृढ़ निर्णय किया है और वह दो नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने का ऐलान किया है।
इस मुश्किल में, महुआ मोइत्रा का यह कदम उनकी स्थिति को स्पष्टीकरण करने का है, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से यह सवाल उठता है कि क्या वे इस चुनौती को पार कर पाएंगी।