गाजा और इजराइल के बीच हो रहे जंग की आंच ने ब्रिटेन तक पहुंचा दी है, जिसके परिणामस्वरूप लंदन में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया है। इस के बीच, ब्रिटिश गृह सचिव और पुलिस के बीच नोंकझोंक हो रही है। इजराइली हमलों से गाजा में आम नागरिकों की मौत और जानमाल की क्षति के खिलाफ लंदन में विरोध प्रदर्शन का माहौल है।
इजराइल और हमास के बीच हो रहे तनावयुद्ध के दौरान इजराइल ने गाजा पर हवाई और जमीनी हमले किए हैं। हमास के आतंकी ग्रुप्स की कमर तोड़ने के लिए इसके हमले किए जा रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही गाजा में जानमाल का भारी नुकसान भी हो रहा है। बीच-बीच में, गाजा पट्टी की जंग की आंच ब्रिटेन तक पहुंची है, और लंदन की सड़कों पर लोग इस खिलाफ उतरे हैं।
ब्रिटेन में हेट क्राइम की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है, और ब्रिटिश गृह सचिव ने इस बारे में पुलिस को चेतावनी दी है। ब्रिटेन की सड़कों पर फिलिस्तीन समर्थक विरोध-प्रदर्शनकारियों ने अभिवादन किया है और इसके दौरान हुई आक्रमकता के मामले को ठीक से नहीं हैंडल करने पर आलोचना की है। इससे उत्पन्न नजरअंदाजी ने गृह सचिव और पुलिस के बीच नोंकझोंक की आगे बढ़ी है।
गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन के अनुसार, अगर इस सप्ताह के अंत में फिलिस्तीन समर्थक विरोध मार्च बढ़ता है, तो पुलिस अधिकारियों से सख्ती से और “सक्रिय दृष्टिकोण” की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस मार्च में “नफरत मार्च करने वालों” के खिलाफ सख्ती दिखाई जाएगी और वे चाहतीं हैं कि इसके माध्यम से किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि वे नहीं मानतीं कि इस मार्च का उद्देश्य केवल गाजा के लिए मदद की गुहार है, बल्कि इसमें भी और कुछ समूहों का समर्थन है।
इसके अलावा, पुलिस को लंदन में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के दौरान आक्रमकता के साथ-साथ ‘दोहरे मानक’ अपनाने का आरोप भी लगा गया है। इससे उत्तरी आयरलैंड के इस्लामवादी समूह भी जुड़े हैं, और उन्होंने भी विरोध-प्रदर्शन में सक्रियता दिखाई है।
इस संदर्भ में, ब्रेवरमैन ने यह भी कहा कि आतंकवादियों का महिमामंडन किया गया है और इजराइल को नाजियों के रूप में अपमानित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, यहूदियों को और अधिक नरसंहार की धमकी दी गई है। उन्होंने कहा कि वे इसको देखकर नहीं मानतीं कि लंदन में हो रहे मार्च केवल गाजा के लिए मदद की गुहार के लिए हैं, बल्कि इसमें और कुछ समूहों का समर्थन भी है।
इस घड़याल में, पुलिस और ब्रिटिश सरकार को सक्रिय रूप से कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि विरोध-प्रदर्शन सभी नागरिकों के सुरक्षित रूप से हो सके और आपसी समझ बनाए रखी जा सके।