रूस के उत्तरी काकेशस रिपब्लिक दागेस्तान में हाल ही में हुए हमलों ने वहां की स्थिति को और भी चिंताजनक बना दिया है। पुलिस अधिकारियों, चर्चों और सिनगॉग पर हुए इन हमलों में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। इन हमलों के बाद कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो स्थिति की गंभीरता को स्पष्ट करते हैं। इन वीडियों में गोलियां बरसाते बंदूकधारी, तेज रफ्तार से दौड़ती गाड़ियां, सड़कों पर पड़े शव और इमारतों से उठता धुआं दिखाई दे रहे हैं।
हमलों की विस्तृत जानकारी:
दागेस्तान में यह हमले ओर्थोडोक्स फेस्टिवल पेंटकोस्ट के दौरान डर्बेंट और माखचकाला शहरों को निशाना बनाकर किए गए थे। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है, जिनमें सात पुलिस अधिकारी, एक पादरी और एक सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। पुलिस ने हमलावरों में से छह को मार गिराया है और अन्य की तलाश जारी है।
हमलों के वीडियो:
वायरल हो रहे वीडियों में तीन बंदूकधारी एक गाड़ी पर गोलियां चलाते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो शायद एक इमारत की खिड़की से रिकॉर्ड किया गया है। एक अन्य वीडियो में दो बंदूकधारी सड़क पर पड़े एक शख्स को गोली मारते हुए नजर आते हैं। इन वीडियों में दिख रहे दृश्यों से साफ है कि हमलावरों ने शहर में दहशत फैलाने के उद्देश्य से इन हमलों को अंजाम दिया।
हमलावरों की पहचान:
हमलावरों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है, हालांकि दागेस्तान अतीत में जिहादी हमलों का केंद्र रहा है। 2007 और 2017 के बीच, काकेशस अमीरात नामक एक जिहादी संगठन और बाद में काकेशस के इस्लामी अमीरात ने दागेस्तान और पड़ोसी रूसी रिपब्लिक चेचन्या, इंगुशेतिया और काबर्डिनो-बलकारिया में कई हमले किए थे।
हमलों के लक्ष्य:
रविवार को हुए हमलों में दो चर्च और दो सभास्थलों को निशाना बनाया गया। दागेस्तान के सबसे बड़े शहर माखचकाला में एक ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी की हत्या कर दी गई। डर्बेंट में, जो एक प्राचीन यहूदी समुदाय का घर है, बंदूकधारियों ने एक सिनगॉग और एक चर्च पर हमला किया और बाद में आग लगा दी।
दागेस्तान की स्थिति:
दागेस्तान मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और इसे रूस के सबसे गरीब इलाकों में गिना जाता है। इस क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक समस्याएं व्यापक हैं, जो इसे उग्रवाद और चरमपंथ का आसान लक्ष्य बनाती हैं।
पुतिन की प्रतिक्रिया:
मार्च में मॉस्को के पास क्रोकस सिटी हॉल स्थल पर हुए हमले के बाद, अधिकारियों ने यूक्रेन और पश्चिम पर दोष मढ़ा था, भले ही इस्लामिक स्टेट समूह ने इसका दावा किया था। उस समय राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जोर देकर कहा था कि रूस इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा आतंकवादी हमलों का लक्ष्य नहीं बन सकता क्योंकि यह अंतर-धार्मिक सद्भाव और अंतर-जातीय एकता का एक अनूठा उदाहरण प्रदर्शित करता है।
दागेस्तान में हुए हालिया हमलों ने एक बार फिर से क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति को सवालों के घेरे में ला दिया है। इन हमलों ने न केवल कई निर्दोष लोगों की जान ली है, बल्कि वहां की सामाजिक और धार्मिक सहिष्णुता को भी चुनौती दी है। यह आवश्यक है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस स्थिति को गंभीरता से लें और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ कर न्याय के कठघरे में लाएं। साथ ही, दागेस्तान जैसे क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास पर भी ध्यान देना होगा ताकि उग्रवाद और चरमपंथ की जड़ें कमजोर हो सकें।
दागेस्तान की स्थिति को सुधारने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का सहयोग भी महत्वपूर्ण होगा। साथ ही, यह आवश्यक है कि विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच संवाद और सहिष्णुता को बढ़ावा दिया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। रूस को अपने अंतर-धार्मिक और अंतर-जातीय सद्भाव को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।