गुजरात के छोटे उदयपुर जिले में एक चौंकाने वाले मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी और ठगी का मामला उजागर किया है। यहां पिछले करीब दो साल से एक फर्जी सरकारी दफ्तर सक्रिय था और इसमें धन जमा किया जाता रहा था।
फर्जी सरकारी अभियंता का खेल:- आरोपी नामक संदीप राजपूत ने अपने आप को सरकारी अभियंता बताते हुए फर्जी दफ्तर का संचालन किया और वहां से धन जमा करता रहा। उसने जाली दस्तावेज और हस्ताक्षर का उपयोग करके कई सरकारी परियोजनाओं के लिए 4 करोड़ से ज्यादा रुपये जमा किए।
फंड की मांग में पकड़ा गया:- मामले की सूचना आने पर पुलिस ने इसे तत्काल पकड़ा और जब वह कलेक्टर की मीटिंग के दौरान फंड की मांग कर रहा था, तो उसकी गलती सामने आई। आरोपी ने फर्जी सरकारी दफ्तर के माध्यम से धन का लुआट लिया है।
अधिकारियों की जांच:- कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान मामले की जांच की गई और जाना गया कि उदयपुर में इस आदर्श अभियंता का कोई कार्यालय नहीं है।
ठग का गिरफ्तारी:- आरोपी संदीप राजपूत को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके साथी अबुबकर सैय्यद भी गिरफ्तार किए गए हैं। यह मामला गुजरात में फर्जी सरकारी दफ्तर बनाने और धन की हड़ताल करने का एक और उदाहरण है।
पुलिस की प्रतिक्रिया:- पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का दावा किया है और आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया में पेश करने का आदान-प्रदान किया है।
इससे सामाजिक जागरूकता होगी और लोग सतर्क रहेंगे ताकि ऐसी धोखाधड़ी और ठगी के मामलों का सामना करने में मदद मिले। यह घटना बताती है कि लोगों को सतर्क रहना और सरकारी दस्तावेजों की जांच करना महत्वपूर्ण है।