गुजरात : अहमदाबाद : पराग देसाई की मौत के बाद अहमदाबाद नगर निगम ने आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए करोड़ों रुपए का टेंडर निकाला है। बोपाल आवास के पास आवारा कुत्ते के हमले से हुई मौत ने इस समस्या को और भी चर्चा का केंद्र बना दिया है। नगर निगम ने इस मुद्दे पर सख्ती से कदम उठाते हुए गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर नसबंदी के लिए कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
अहमदाबाद नगर निगम ने बताया कि वे बोपाल से घुमा तक लगभग 200 आवारा कुत्तों की पहचान कर चुके हैं, और इसमें से कई को नसबंदी के लिए पकड़ लिया गया है। इस अभियान को मजबूती से संचालित करने के लिए नगर निगम ने 8 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला है।
इसका उद्देश्य गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर अधिक कुत्तों की नसबंदी करना है। यहां तक कि नगर निगम ने सीसीएनडी (मवेशी नियंत्रण और उपद्रव विभाग) को इस अभियान का नेतृत्व करने का आदान-प्रदान किया है, और यह पूरे अभियान को 25 अक्टूबर से शुरू किया गया है। गुजरात के बोपाल में हुई एक दुखद घटना में वाघ बकरी समूह के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई की मौत हो गई थी, जिनकी मौत के पीछे आवारा कुत्ते का हमला था।
इसके बाद नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी के लिए कदम उठाया है और करोड़ों रुपए का निवेश किया है। सोशल मीडिया पर भी इस नसबंदी के बारे में अच्छे प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, और लोगों की राय बनती जा रही है कि इससे कैसे यह समस्या कम हो सकती है और कैसे लोगों को आवारा कुत्तों के हमलों से बचाया जा सकता है।
यह पहल गुजरात में हो रही है, लेकिन इससे प्रेरित होकर अन्य राज्यों में भी ऐसी कदम सुनिश्चित हो सकता है ताकि आवारा कुत्तों के हमले से हो रही घातक घटनाएं कम हो सके |