दिनांक 11 अगस्त 2023 को कतरी सराय प्रखंड के वादी गांव में बिहार के महामानव स्वयं गुरू सहाय लाल जी की 134 वीं जयंती का उत्सव मनाया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर गांव वादी में रजनीश कुमार मुन्ना की अध्यक्षता में एक सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक व्यक्तियों ने भाग लिया।
पूर्व जिलाध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य दिलीप कुमार
इस समारोह में, जिला कांग्रेस कमिटी के पूर्व जिलाध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य दिलीप कुमार ने महानव स्वयं गुरू सहाय लाल जी को समर्पित किया। उन्होंने एक माल्यार्पण और वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत उनकी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिससे गुरू सहाय बाबू के योगदान की महत्वपूर्णता को स्थायी रूप से स्मरण किया गया।
स्कूली छात्र-छात्राओं को दिलीप कुमार ने संबोधित किया
विशेष रूप से इस अवसर पर उपस्थित गुरु सहाय बाबू के अनुयायियों और स्कूली छात्र-छात्राओं को दिलीप कुमार ने संबोधित किया। उन्होंने उन्हें बताया कि गुरु सहाय बाबू हमारे आदर्श हैं और उनके महत्वपूर्ण योगदान से हम आज भी प्रेरित हो सकते हैं। उन्होंने गुरू सहाय बाबू के जीवन में किए गए कार्यों की व्याख्या करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पूरे जीवन को शिक्षा और सामाजिक सुधार के लिए समर्पित किया।
बिहार में कई स्कूलों की स्थापना की और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए प्रयत्नशील रहे
गुरू सहाय बाबू ने स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के साथ जुड़कर ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने बिहार में कई स्कूलों की स्थापना की और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए प्रयत्नशील रहे। उनके द्वारा संचालित शिक्षा संस्थानों ने छात्रों को उच्च शिक्षा की सामर्थ्य प्रदान की और समाज में शिक्षा के महत्व को प्रमोट किया।
गुरू सहाय बाबू के योगदान का सम्मान किया और उनकी जयंती के इस अवसर पर उन्हें याद किया
उपस्थित लोगों ने गुरू सहाय बाबू के योगदान का सम्मान किया और उनकी जयंती के इस अवसर पर उन्हें याद करने का संकेत दिया। गुरू सहाय बाबू की विचारधारा और समर्पण का प्रेरणास्त्रोत बनते हुए, उनके कार्यों का महत्व आज भी हमारे समाज में महत्वपूर्ण है और हमें उनके उत्तम आदर्शों का अनुसरण करके अपने जीवन को सफलता की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित होना चाहिए।
यह समर्पण और श्रद्धांजलि समारोह गुरू सहाय बाबू के जीवन और कार्यों के महत्व को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण तरीका था।
इस अवसर पर डॉ गोपाल शरण सिंह, प्रिंस पटेल, चंद्रमणि पटेल, सुमन्त कुमार, रामचंद्र प्रसाद, अरविंद कुमार और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने भी माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किए। यह समर्पण और श्रद्धांजलि समारोह गुरू सहाय बाबू के जीवन और कार्यों के महत्व को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण तरीका था।
गुरू सहाय बाबू के योगदान की महत्वपूर्णता को समझने का मौका मिला
इस अवसर पर हमें गुरू सहाय बाबू के योगदान की महत्वपूर्णता को समझने का मौका मिला और हमें उनके महान आदर्शों का अनुसरण करके समाज को सुधारने और उन्नति की दिशा में कदम बढ़ाने की प्रेरणा मिली। गुरू सहाय बाबू की जयंती के इस महत्वपूर्ण अवसर पर, हमें उनके योगदान को समर्थन और सम्मान देने का संकेत मिला, और हम आगे भी उनके उत्तम आदर्शों का अनुसरण करते हुए समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रतिबद्ध रहेंगे।