कंगना रनौत का बयान भारतीय राजनीति में एक बड़ा विवाद पैदा करने का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि सही मायने में 2014 में ही हमें आजादी मिली है, जिससे कि भारतीय समाज में विविधता को समझने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि अब देश में सोचने की स्वतंत्रता, सनातन की स्वतंत्रता, अपना धर्म बनाने की स्वतंत्रता, और भारत को हिंदू-राष्ट्र बनाने की स्वतंत्रता मिली है।
इस बयान के पीछे का कारण उनके विचारों में स्पष्ट दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि भारतीय इतिहास में गुलामी के कई काल हुए हैं, जिसमें मुगलों और अंग्रेजों की गुलामी भी शामिल है। उनका मानना है कि 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार के आने से देश में नया दिन आया है और लोगों को स्वतंत्रता की अधिकार मिली है।
कंगना रनौत का बयान विवादित हो सकता है, क्योंकि यह भारतीय समाज में विविधता और विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच विवाद पैदा कर सकता है। इसके अलावा, इस बयान से कुछ राजनीतिक दल भी असहमत हो सकते हैं और इसे चुनावी मुद्दा बना सकते हैं।
व्यक्तिगत रूप से, कंगना रनौत ने कहा कि कांग्रेस का कार्टून चंद्रमा पर आलू उगाना चाहता है, जो एक तरह से राजनीतिक दलों के बीच के आलोचनीय मुद्दों को स्पष्ट करता है। इस बयान से साफ होता है कि कंगना रनौत ने भारतीय राजनीतिक स्तर पर अपने स्थान को मजबूत करने के लिए आगे आने की कोशिश की है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी से चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने अपने बयानों के माध्यम से चुनाव में अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश की है। उन्होंने अपने बयानों के माध्यम से भारतीय राजनीति में एक नया मुद्दा उठाया है और इसे चुनावी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका दी है।
समाप्त में, कंगना रनौत का बयान विवादित हो सकता है, लेकिन यह उनकी व्यक्तित्व में एक मजबूत पकड़ को प्रदर्शित करता है और उन्हें राजनीतिक समाज में एक महत्वपूर्ण
स्थान पर खड़ा करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह उनके समर्थकों को उनकी बातों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित कर सकता है और उन्हें चुनाव में अधिक सक्रिय बनाने में मदद कर सकता है।