लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम दो चरणों के मतदान से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने एक महत्वपूर्ण अपील की है। टिकैत ने किसानों और आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे उम्मीदवार को वोट दें जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने में सक्षम हो। हरियाणा और पंजाब के लोगों पर टिकैत के बयान का गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि यह क्षेत्र किसानों का गढ़ माना जाता है और यहां के किसानों का समर्थन चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
टिकैत की अपील का महत्व

राकेश टिकैत, जो भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, ने भाजपा पर निशाना साधते हुए इसे ‘पूंजीपतियों के गिरोह’ की सरकार करार दिया है। टिकैत ने सोशल मीडिया पर अपनी अपील में कहा, “यह भाजपा की सरकार नहीं, बल्कि पूंजीपतियों के गिरोह की सरकार है। इस गिरोह ने देश पर कब्जा कर लिया है और यही चुनाव लड़ रहा है।” उनकी इस अपील का उद्देश्य है कि लोग भाजपा के खिलाफ वोट करें और उन उम्मीदवारों को समर्थन दें जो भाजपा को हराने में सक्षम हों।
हरियाणा और पंजाब में चुनाव का महत्व

हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों में कृषि का महत्व है और किसानों का मुद्दा चुनावी एजेंडे में प्रमुखता से शामिल होता है। इन राज्यों में किसानों का आंदोलन और उनकी मांगें हमेशा से ही राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण रही हैं। राकेश टिकैत, जो किसानों के मुखर नेता हैं, उनके द्वारा की गई अपील यहां के मतदाताओं पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।
किसान आंदोलन का प्रभाव

पिछले कुछ वर्षों में, विशेषकर कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन ने किसान नेताओं को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बना दिया है। टिकैत का नेतृत्व इस आंदोलन में प्रमुख था और उनकी अपील का असर व्यापक हो सकता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि यह चुनाव भाजपा और जनता के बीच सीधा मुकाबला है। टिकैत ने कहा, “यह भारत की जनता और इस गिरोह के बीच सीधा चुनाव है। जनता यह चुनाव लड़ रही है। चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। जो भी उम्मीदवार आपके क्षेत्र में भाजपा को हरा सकता है, उसे वोट दें।”
भाजपा के खिलाफ किसानों का रूख
किसानों की समस्याओं और उनकी मांगों को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ नाराजगी कई मौकों पर देखी गई है। किसानों ने अपने आंदोलनों में बार-बार सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है। टिकैत ने इसे मुद्दा बनाते हुए भाजपा को ‘पूंजीपतियों का गिरोह’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया है और अब समय आ गया है कि लोग चुनाव में इसका जवाब दें।
टिकैत की अपील का संभावित प्रभाव

टिकैत की अपील का सबसे बड़ा प्रभाव हरियाणा और पंजाब के ग्रामीण इलाकों में देखा जा सकता है। यहां के किसान टिकैत के समर्थक हैं और उनकी अपील का असर चुनावी परिणामों पर पड़ सकता है। यह अपील भाजपा विरोधी माहौल को और मजबूत कर सकती है और अन्य राजनीतिक दलों को फायदा पहुंचा सकती है।
राकेश टिकैत की अपील ने चुनावी माहौल में एक नई ऊर्जा भरी है। उनकी अपील न केवल किसानों को जागरूक करने का प्रयास है, बल्कि भाजपा के खिलाफ एक रणनीतिक कदम भी है। टिकैत की इस अपील का असर हरियाणा और पंजाब के चुनाव परिणामों पर निश्चित रूप से पड़ेगा।
टिकैत की इस अपील ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को भी एकजुट होने का मौका दिया है। यह चुनाव भाजपा और जनता के बीच एक सीधे मुकाबले के रूप में देखा जा सकता है, जहां टिकैत ने जनता से अपील की है कि वे अपने वोट का सही इस्तेमाल करें और ऐसे उम्मीदवार को वोट दें जो वास्तव में भाजपा को हराने में सक्षम हो।
इस चुनावी परिदृश्य में, राकेश टिकैत की भूमिका और उनकी अपील का महत्व और भी बढ़ जाता है। आगामी चुनाव परिणाम यह बताएंगे कि टिकैत की अपील का कितना प्रभाव पड़ा और क्या वास्तव में यह भाजपा के खिलाफ एक निर्णायक मोड़ साबित होगी।