हाथरस में हुए हादसे के बाद पहली बार नारायण हरि साकार ने मीडिया के सामने आकर अपना बयान दिया है। उन्होंने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। नारायण हरि साकार, जिन्हें सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है, इस घटना के बाद से फरार चल रहे थे और उनकी तलाश में कई टीमें लगी हुई थीं। आइए जानते हैं कि नारायण हरि साकार ने मीडिया के सामने क्या कहा और इस हादसे का पूरा विवरण क्या है।
हाथरस हादसा: क्या हुआ था
दो जुलाई की शाम को हाथरस जिले में एक सत्संग का आयोजन किया गया था। इस सत्संग में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा प्रमुख वक्ता थे। कार्यक्रम के अंत में, जैसे ही सूरजपाल जाने के लिए उठे, वहां उपस्थित श्रद्धालुओं ने उनकी चरण रज लेने के लिए भीड़ मचा दी। यह भीड़ इतनी बड़ी थी कि भगदड़ मच गई। भगदड़ के दौरान लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे कई लोग जमीन पर गिर गए और एक-दूसरे पर चढ़ते चले गए। इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
नारायण हरि साकार का बयान
हाथरस हादसे के बाद पहली बार सामने आकर नारायण हरि साकार ने वीडियो बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “हम 2 जुलाई की घटना के बाद बहुत ही व्यथित हैं। प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उभरने की शक्ति दें। सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें। हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवकारी हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा। मैंने अपने वकील A.P. सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।”
प्रशासन की कार्रवाई
हाथरस हादसे के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर कड़ी नजर बनाए रखी है। उन्होंने तुरंत प्रभाव से मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। पुलिस की कई टीमें मामले की जांच में जुटी हुई हैं और उपद्रवियों की पहचान करने में लगी हुई हैं। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सत्संग और अन्य बड़े आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाए।
हादसे के बाद की स्थिति
हादसे के बाद हाथरस में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया था। लोग इस घटना से गुस्से में थे और नारायण हरि साकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त कर रहे थे। प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी इस हादसे पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
भविष्य की सुरक्षा के उपाय
हाथरस हादसे के बाद प्रशासन ने निर्णय लिया है कि बड़े आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा। इसमें आयोजकों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे कि भीड़ नियंत्रण के उपाय पहले से ही सुनिश्चित किए जाएं। पुलिस और सुरक्षा बलों को भी इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, किसी भी बड़े आयोजन से पहले आयोजकों को पुलिस से अनुमति लेना अनिवार्य होगा और सुरक्षा योजना प्रस्तुत करनी होगी।
हाथरस हादसे ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस प्रकार की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि बड़े आयोजनों के दौरान सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के उपायों का पालन कितना महत्वपूर्ण है। नारायण हरि साकार के बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह इस घटना से गहरा दुखी हैं और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रशासन की कड़ी कार्रवाई और भविष्य में बेहतर सुरक्षा उपायों से इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सकेगा। हमें उम्मीद है कि इस हादसे के पीड़ितों को न्याय मिलेगा और भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं नहीं होंगी।