हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक माहौल में हलचल मची हुई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम थाकुर ने हाल ही में अपनी पार्टी के धोखाधड़ी विधायकों को “काला नाग” कहा था। इसके बाद से ही प्रदेश की राजनीति में अफवाहें और उतार-चढ़ाव बढ़ गए हैं।
इस मामले में, हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को बदलकर एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल में कांग्रेस और मंत्रिपद की जानकारी को हटा दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वे अपनी पार्टी के खिलाफ नाराजगी का संकेत दे रहे हैं।

विक्रमादित्य सिंह के इस कदम से हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल मची है। वे हाल ही में दिल्ली में बागी विधायकों को पार्टी में वापसी कराने के लिए डेरा डाले गए थे। प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने चंडीगढ़ में भी बागी विधायकों से मुलाकात की थी, जिसके बाद सीएम सुक्खू भड़क गए थे।

विक्रमादित्य सिंह प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। उन्हें प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है और उनके योगदान का महत्व बड़ा है। इसलिए, उनके इस कदम से कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है।

हालांकि, इस मामले में एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि हिमाचल प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस की सरकार पर भी अब खतरा बरकरार है। सीएम सुक्खू ने अपने बयानों से कांग्रेस के बागी विधायकों को संख्यात्मक मायने में धमकाया है और इससे पार्टी के आधिकारिक स्थिति पर सवाल उठते हैं।
अब यह देखना है कि कैसे कांग्रेस पार्टी और प्रदेश सरकार इस मामले को संभालती है और क्या नए उलझनों का सामना करना पड़ता है। विक्रमादित्य सिंह के कदम से स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अभी और भी दिलचस्पी बढ़ी है और उसका असर लंबे समय तक देखा जा सकता है।