हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और मंडी जिले में हाल ही में बादल फटने की घटना से भारी तबाही मची है। इन हादसों में कुल 28 लोग लापता हो गए हैं और अब तक एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र के समेज खड्ड इलाके और मंडी जिले के पधर उपमंडल के थलटूखोड़ इलाके में ये आपदाएं हुई हैं।
शिमला में स्थिति
शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र के समेज खड्ड इलाके में गुरुवार को बादल फटा है। इस आपदा के बाद से 19 लोगों के लापता होने की खबर है। शिमला के उपायुक्त (डीसी) अनुपम कश्यप ने बताया है कि एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। इलाके में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण खोज और बचाव अभियान में कठिनाई आ रही है।
मंडी में स्थिति
दूसरी ओर, मंडी जिले के पधर उपमंडल के थलटूखोड़ इलाके में भी बादल फटने की घटना हुई है। इस हादसे में 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है और उसका शव बरामद कर लिया गया है। मकानों को भी भारी नुकसान हुआ है और कई मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि जिला प्रशासन और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है।
राहत और बचाव कार्य
प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और लोगों की खोज और बचाव के कार्य में जुटी हैं। इलाके में बारिश के कारण राहत कार्य में कठिनाई आ रही है, लेकिन टीमें पूरी कोशिश कर रही हैं कि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
जेपी नड्डा ने सुक्खू से की बात
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का संज्ञान लिया है। जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात कर हालात की जानकारी ली है और केंद्र सरकार से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से बात कर के सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में जुटने का निर्देश दिया है।
केंद्र और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही मिलकर इस आपदा से निपटने की कोशिश कर रही हैं। केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की टीमों को भेजा है और राज्य सरकार भी स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों को राहत और बचाव कार्य में पूरी सहायता दे रही है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोग भी इस आपदा से बेहद प्रभावित हैं। कई लोगों ने अपने घरों को खो दिया है और अपने प्रियजनों की खोज में हैं। स्थानीय प्रशासन और बचाव टीमों के साथ मिलकर स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में सहायता कर रहे हैं।
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी
यह घटना एक बार फिर से हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस तरह की आपदाओं के लिए बेहतर योजना बनानी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को कम किया जा सके और समय रहते बचाव कार्य किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिलों में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। 28 लोग लापता हैं और एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। राज्य और केंद्र सरकार दोनों ही मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। इस आपदा ने एक बार फिर से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों पर ध्यान आकर्षित किया है और भविष्य में बेहतर योजनाओं और तैयारियों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।