अबू धाबी में बन रहे हिंदू मंदिर का उद्धाटन 14 फरवरी को होने जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BAPS (स्वामीनारायण संस्था) के आध्यात्मिक गुरु, स्वामी महंत महाराज भी शामिल होंगे। इस मंदिर का निर्माण BAPS स्वामीनारायण संस्था के छठे और वर्तमान आध्यात्मिक गुरु स्वामी महंत महाराज के नेतृत्व में किया गया है।

महंत स्वामी महाराज, जिनके पूरा नाम प्रमुख स्वामी महंत महाराज है, BAPS (स्वामीनारायण संस्था) के छठे और वर्तमान आध्यात्मिक गुरु हैं। उन्हें बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था का प्रमुख ईव गुरु घोषित किया गया था जो 20 जुलाई 2012 को हुआ था। उनको आध्यात्मिक गुरु बनाया गया था 13 अगस्त 2016 को, जब प्रमुख स्वामी महाराज का असमय प्रस्थान हुआ था।
महंत स्वामी महाराज ने अपने नेतृत्व में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था को एक नया दिशा-निर्देश प्रदान किया है। उन्होंने बहुत ही कम समय में 500 से भी ज्यादा स्वामीनारायण मंदिर, गुरुकुल, और हॉस्पिटल का निर्माण किया है।

अबू धाबी में बना जा रहा हिंदू मंदिर एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है और इसमें सात मिनारें शामिल हैं, जो देश के सात अमीरातों को प्रतिनिधित्व करती हैं। मंदिर का निर्माण 27 एकड़ में हुआ है और इसके लिए उत्तरी राजस्थान से अबू धाबी तक गुलाबी पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर के निर्माण में संगमरमर इटली से लाया गया है और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए फ्लाई ऐश का भी इस्तेमाल हुआ है। इसे बनाने में 3 साल और 2000 कारीगरों की मेहनत लगी है।
अबू धाबी में बन रहे इस हिंदू मंदिर का उद्धाटन 14 फरवरी को होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वामी महंत महाराज भी शामिल होंगे। यह मंदिर भारतीय सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है, और इसका उद्धाटन एक ऐतिहासिक क्षण बनेगा।