नालंदा जिले के गिरियक बाजार में चल रहे बख्तियारपुर-रजौली फोरलेन निर्माण के दौरान बड़े-बड़े गड्ढों के कारण बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। इस समस्या के परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के साथ-साथ सड़क पर चलने वाले चालकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पटना-रांची मार्ग पर ऐसे गड्ढों के होने के बावजूद, इनमें पानी भरने के बाद वाहन चालकों को पता नहीं चल पा रहा है कि कब वे इन गड्ढों में फँस जाते हैं। यह स्थिति प्रतिदिन हादसों का कारण बन रही है, जिससे स्थानीय लोग अत्यधिक परेशान हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या का समाधान न होने के पीछे एनएचआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) और फोरलेन संवेदक की लापरवाही है। इन संवेदकों के अनदेखे रहने के कारण इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। यदि इन गड्ढों को समय पर भरा जाता, तो इस तरह के हादसों को रोका जा सकता।
स्थानीय ग्रामीण सुरेश विश्वकर्मा और विजय कुमार ने इस समस्या के समाधान की मांग की है और एनएचआई और फोरलेन संवेदकों से इस समस्या के समाधान के प्रति सजग रहने की गुजारिश की है। वे इस मामले के समाधान के लिए सड़कों के सुरक्षा और उनके योजनाओं की सुनवाई की मांग करते हैं ताकि सड़कों पर सुरक्षित यातायात सुनिश्चित किया जा सके और हादसों को रोका जा सके।
इस तरह के सड़क सुरक्षा मुद्दों को सादगी से देखना और उनके समाधान के लिए सहयोग करना हम सभी की जिम्मेदारी है। ग्रामीण समुदाय की बेहतर सड़क सुरक्षा के लिए हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि हादसों को रोका जा सके और सड़कों पर सुरक्षित यातायात सुनिश्चित किया जा सके।
इस प्रकार, स्थानीय ग्रामीण समुदाय की आवाज को सुनते हुए, हमें सड़क सुरक्षा के मामले में सजग रहना और समस्या के समाधान के लिए योगदान करना चाहिए, ताकि हम सड़कों पर सुरक्षित और सुखद यातायात का आनंद उठा सकें।