भारत और मालदीव के बीच सैनिकों की तैनाती के मुद्दे पर समझौता हो गया है, जिससे आई तनावपूर्ण स्थिति को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। भारत के करीब 80 सैनिक मालदीव में तैनात हैं, जो मुख्य रूप से हेलीकॉप्टर और विमान के संचालन के लिए हैं। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु ने भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने का समर्थन किया है।

नई दिल्ली और माले के बीच मुद्दे को सुलझाने के लिए एक समझौता हुआ है, जिसमें तीन एविएशन प्लेटफॉर्मों में सैन्यकर्मियों की तैनाती के लिए समझौता हुआ है। इस प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा होगा और अन्य चरण 10 मई तक मुकम्मल किया जाएगा।
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने इस बयान में कहा है कि दोनों पक्षों ने सहमति बनाई है कि भारत 10 मार्च तक एक प्लेटफॉर्म में सैन्यकर्मियों को बदलेगा और उसके बाद अन्य दो प्लेटफॉर्मों में सैन्यकर्मियों की तैनाती का काम खत्म करेगा।

इस समझौते से पहले, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने सभी सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुलाने का आदान-प्रदान किया था। इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो रहा है और उच्च-स्तरीय बैठक की तिथि तय की गई है।
भारत और मालदीव के बीच संबंधों में पिछले कुछ समय से तनाव था, जिसमें मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने का आदान-प्रदान किया था। यह संबंध उनके पिछले सत्ता में आने के बाद हुआ था, लेकिन अब उन्होंने इसे सुलझा लिया है।

मालदीव, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है, और दोनों देश इस समझौते के माध्यम से समर्थन और साथी बनने का आदान-प्रदान कर रहे हैं।”