भारत के सबसे उन्नत मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS के जरिए वैज्ञानिक मौसम संबंधी ज्यादा सटीक भविष्यवाणियां कर सकेंगे और यह तमाम दूसरे कामों के लिए भी धरती की निगरानी कर सकेगा।
बेंगलुरु: भारत के सबसे उन्नत मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS की लॉन्चिंग की उल्टी गिनती आरम्भ हो गई है और इसे 17 फरवरी 2024 की संध्या 5:35 पर लॉन्च किया जाएगा। सैटेलाइट की खासियतों के बारे में बताते हुए ISRO ने कहा था कि यह उपग्रह बेहतर मौसम पूर्वानुमान और आपदा संबंधी चेतावनी देने में मदद करेगा। इस मौसम उपग्रह को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि इस सैटेलाइट या उपग्रह को GSLV F-14 के जरिए लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि 420 टन वजन वाला 51.7 मीटर लंबा GSLV रॉकेट INSAT 3DS को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करेगा।
क्या हैं INSAT 3DS की खासियतें
INSAT 3DS की कक्षा को बाद में चरणबद्ध तरीके से बदलकर इसे भू-स्थिर कक्षा में ले जाया जाएगा। आपको बता दें कि पहले इसरो ने कहा था कि रॉकेट शाम 5 बजकर 30 मिनट में उड़ान भरेगा लेकिन बाद में समय बदलकर शाम 5.35 बजे कर दिया गया। INSAT 3DS भारत का तीसरी पीढ़ी का मौसम विज्ञान उपग्रह है और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। इसे मौसम की भविष्यवाणी और आपदा चेतावनी के लिए उन्नत मौसम संबंधी अवलोकन और भूमि तथा महासागर सतहों की निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। इस उपग्रह की मदद से मौसम संबंधी ज्यादा सटीक भविष्यवाणियां करना संभव होगा।
कई विभागों को मिलेगी मदद
INSAT-3DS वर्तमान में कार्यरत INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं को भी बढ़ाएगा। बता दें कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत विभिन्न विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय मध्यम-सीमा मौसम पूर्वानुमान केंद्र, , भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान और विभिन्न अन्य एजेंसियां और संस्थान बेहतर मौसम पूर्वानुमान तथा मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए INSAT-3DS उपग्रह डेटा का उपयोग करेंगे। बता दें कि ISRO ने पिछले कुछ सालों में अपनी क्षमता का पूरी दुनिया में लोहा मनवाया है।