नई दिल्ली: ईरान और भारत के बीच हुई एक टेलीफोनिक बातचीत में, ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी ने भारत से गाजा में चल रहे इजराइल-फिलीस्तीन युद्ध को रोकने के लिए अपनी पूरी क्षमताओं का उपयोग करने का किया आग्रह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बातचीत में उनके साथ साझा किए गए पुराने और सुसंगत रुखों को दोहराया और शांति और स्थिरता की स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए किए गए वैश्विक प्रयासों का समर्थन किया।
भारतीय प्रधानमंत्री ने इस मौके पर भारत और ईरान के बीच सहयोग की महत्वपूर्णता पर भी बातचीत की। उन्होंने तेहरान के तत्काल युद्धविराम के लिए वैश्विक सहयोग में शामिल होने का समर्थन जताया और चाबहार बंदरगाह को प्राथमिकता देने का स्वागत किया।
बातचीत में, प्रधानमंत्री ने आतंकवादी घटनाओं, हिंसा और आम नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने मानवीय सहायता, शांति, और स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए तत्पर रहने का संकल्प भी किया और ईरान के साथ दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों की महत्वपूर्णता को बढ़ावा दिया।
दोनों नेताओं ने तनाव को कम करने, निरंतर मानवीय सहायता सुनिश्चित करने, और शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर बल दिया। वे बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा करते हुए क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा, और स्थिरता के लिए साझा हित देखते हैं।
इस बातचीत ने भारत और ईरान के बीच सामरिक, आर्थिक, और राजनीतिक सहयोग में नई दिशाएं स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण क्षण प्रदान किया है। इस बातचीत के माध्यम से दोनों देश एक-दूसरे के साथ और भी मजबूत और सुसंगत संबंधों की ओर बढ़ रहे हैं और आंतरदृष्टि और समर्पण के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक समस्याओं का समाधान करने के लिए साथ मिला रहे हैं।
इस बढ़ते सहयोग से उम्मीद है कि इजराइल-फिलीस्तीन संघर्ष में भी सुधार होगा और क्षेत्र में शांति और स्थिरता की स्थिति में सुधार होगा।*