राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आयोजित हो रहे 22 जनवरी के कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी ने महत्वपूर्ण भूमिका में भाग लेने का निमंत्रण प्राप्त किया है। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति विराजित करने का समय करीब है और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 16 जनवरी 2024 से ही शुरू हो जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 10 आचार्यों में एक लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी शामिल हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी को नवनिर्मित अयोध्या राम मंदिर में राम लला की मूर्ति का अभिषेक करने वाले 10 पुजारियों में से एक के रूप में चुना गया है।

प्रोफेसर तिवारी के नाम की सिफारिश काशी के 2 विद्वानों – पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित ने की थी। काशी के इन विद्वानों की बात करें तो पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ वो आचार्य हैं जिन्होंने राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख निकाली। वहीं पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित का संबंध तो शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक कराने वाले आचार्य गागा भट्ट से है। दरअसल पंडित दीक्षित उन्हीं आचार्य गागा भट्ट के वंशज हैं जिन्होंने 17वीं सदी में छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक कार्यक्रम में प्रमुख आचार्य की भूमिका निभाई थी। अब उन्हीं के वंशज पंडित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित के नेतृत्व में आचार्य 7 दिन के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के सारे अनुष्ठान करेंगे।

डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी को इस कार्यक्रम में प्रमुख पूजारी की भूमिका में चुना गया है, और उन्हें रामलला की मूर्ति का अभिषेक करने का अवसर मिलेगा। इससे पहले, लखनऊ विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर ने अपनी शिक्षा लखनऊ यूनिवर्सिटी से पूरी की और फिर प्राच्य संस्कृत विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में नौकरी की। उनकी सिफारिश के बाद, वे 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इस समारोह में अंगीकृत होने वाले 10 आचार्यों की टीम में उनका शामिल होना भी एक बड़ी उपलब्धि है। इन आचार्यों का समूह पूजन-अनुष्ठान के दौरान मुख्य भूमिका निभाएगा और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में बदलेगा।

इस अवसर पर डॉ. तिवारी ने यह व्यक्त किया कि उन्हें अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का हिस्सा बनकर बहुत सौभाग्यशाली महसूस हो रहा है। उन्होंने यह भी जताया कि उन्हें 15 जनवरी को रवाना होकर 10 आचार्यों की टीम के साथ 16 जनवरी से 22 जनवरी तक पूजन-अनुष्ठान करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, और भी 130 विद्वान इस अनुष्ठान का हिस्सा बनेंगे।
इस समारोह में डॉ. श्यामलेश कुमार तिवारी को महामंत्री चंपत राय के पत्र द्वारा निमंत्रण मिला है, जिससे उन्हें इस अद्भुत क्षण में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही, वे पूजन के दौरान मुख्य पूजारी की महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे और रामलला की मूर्ति का अभिषेक करेंगे, जिससे इस अद्वितीय क्षण को और भी शानदार बनाएंगे।