इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने पूरे पश्चिम एशिया को एक गंभीर संघर्ष के कगार पर ला खड़ा किया है। हमास के चीफ इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या के बाद से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, अमेरिका ने इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की वृद्धि
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय, पेंटागन ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पश्चिम एशिया में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत, अमेरिका ने अपने लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों को तैनात करने का फैसला किया है। पेंटागन के अनुसार, यह निर्णय इजरायल की रक्षा करने और अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने यूरोप और पश्चिम एशिया के क्षेत्रों में अतिरिक्त बैलिस्टिक मिसाइल से लैस जहाज और विध्वंसक पोत तैनात करने का भी आदेश दिया है। इसके अलावा, ऑस्टिन ने वहां जमीन से वार करने वाली अतिरिक्त बैलिस्टिक मिसाइल भेजने की दिशा में भी कदम उठाए हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इजरायल को बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन के संभावित हमलों से बचाया जा सके।
इजरायल के चारों ओर सुरक्षा घेरा
अमेरिकी लड़ाकू विमानों और युद्ध पोत के दस्ते ने इजरायल के चारों ओर उसकी रक्षा के लिए घेरा बनाना शुरू कर दिया है। पेंटागन ने बयान में कहा कि इन उपायों से इजरायल की सुरक्षा मजबूत होगी और क्षेत्र में स्थिरता बनी रहेगी। व्हाइट हाउस के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने पर चर्चा की है।
हालिया हमलों के कारण बढ़ा तनाव
अमेरिकी नेताओं ने यह चिंता जताई है कि इजरायल के हालिया हमलों में हमास और हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडरों के मारे जाने के कारण क्षेत्र में हिंसा बढ़ सकती है। बुधवार को तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया और मंगलवार को बेरूत में हिजबुल्लाह कमांडर फौद शुकुर की हत्या के बाद से तनाव और भी बढ़ गया है। इन हत्याओं के बाद ईरान ने इजरायल से बदला लेने की धमकी दी है, जिससे क्षेत्र में संघर्ष की आशंका और बढ़ गई है।
अमेरिकी समर्थन और नेतन्याहू की प्रतिक्रिया
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अमेरिकी समर्थन का आश्वासन दिया गया है। बाइडेन ने नेतन्याहू को फोन कर यह स्पष्ट किया कि अमेरिका इजरायल की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। इसके तहत यूएसएस अब्राहम लिंकन विमानवाहक पोत को पश्चिम एशिया में तैनात किया गया है। यह पोत ओमान की खाड़ी में मौजूद यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेगा।
क्षेत्रीय तनाव और अमेरिका की भूमिका
पश्चिम एशिया में अमेरिका की सैन्य उपस्थिति बढ़ाने का निर्णय केवल इजरायल की रक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। ईरान और उसके सहयोगियों के संभावित हमलों से बचाव के लिए उठाए गए कदम अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका किसी भी तरह के आक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपने सहयोगियों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा।
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका ने इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने सैन्य संसाधनों को तैनात किया है। राष्ट्रपति बाइडेन के नेतृत्व में उठाए गए ये कदम क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, यह आवश्यक है कि सभी संबंधित पक्ष संयम बरतें और शांति बनाए रखने के लिए प्रयास करें। अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की वृद्धि से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि अमेरिका अपने सहयोगियों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी आक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा।