हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर फुआद शुकर का नाम लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के अंदर बड़े सम्मान से लिया जाता था। फुआद शुकर, जो हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह का सलाहकार और दायां हाथ माना जाता था, पिछले कई सालों से संगठन के टॉप कमांडर के रूप में अपनी अहम भूमिका निभा रहा था। शुकर हिजबुल्लाह के कई ऑपरेशनों की प्लानिंग और उन्हें एग्जीक्यूट कराने की जिम्मेदारी निभाता था। साल 1983 में बेरूत में अमेरिकी मरीन आर्मी की बैरकों पर हुए बमबारी का मास्टरमाइंड भी फुआद शुकर ही था, जिसमें लगभग 250 अमेरिकी कर्मियों की जान गई थी। इस हमले के बाद अमेरिका ने शुकर की गिरफ्तारी के लिए $5 मिलियन का इनाम घोषित किया था।
गोलान हाइट्स पर हमला
गत शनिवार को, हिजबुल्लाह ने इजरायल के गोलान हाइट्स क्षेत्र में मजदल शम्स पर रॉकेट अटैक किया। इस हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई, जिससे इजरायल बुरी तरह बौखला गया और बदला लेने की ठान ली। यह हमला इजरायल के लिए बेहद दर्दनाक था, क्योंकि इसमें मासूम बच्चों की जान गई थी। इस घटना ने इजरायल को तत्कालिक और कठोर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर कर दिया।
इजरायल की प्रतिक्रिया
इजरायल ने अपने बच्चों की मौत का बदला लेने के लिए बीती रात लेबनान की राजधानी बेरूत पर हमला किया। इजरायली सेना ने एक बिल्डिंग को टारगेट किया, जहां फुआद शुकर के छिपे होने की सूचना थी। इजरायल के सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने इजरायल की ओर से दावा किया कि हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर फुआद शुकर को मार दिया गया है। इस हमले में फुआद शुकर के साथ तीन अन्य लोग भी मारे गए। यह ऑपरेशन इजरायल के लिए एक बड़ी सफलता थी, क्योंकि उन्होंने अपने बच्चों की मौत का बदला लिया।
हमले की योजना और निष्पादन
इजरायल की सेना ने अपने खुफिया नेटवर्क और सूचनाओं के आधार पर बेरूत में उस बिल्डिंग की पहचान की, जहां फुआद शुकर छिपा हुआ था। सेना ने बिल्डिंग को टारगेट करके लगातार कई हमले किए। इस हमले में फुआद शुकर मारा गया। यह ऑपरेशन बेहद सटीकता और योजना के साथ किया गया, ताकि हिजबुल्लाह के अन्य सदस्यों को भी नुकसान पहुंचे और संगठन को बड़ा झटका लगे।
फुआद शुकर की भूमिका
फुआद शुकर हिजबुल्लाह के अंदर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। उसकी प्लानिंग और रणनीतियों से हिजबुल्लाह ने कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया। 1983 के बेरूत हमले के बाद से ही शुकर का नाम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा लक्ष्य बन गया था। अमेरिकी मरीन बैरक पर हुए हमले के बाद से ही अमेरिका और उसके सहयोगी देश शुकर की तलाश में थे। इजरायल ने फुआद शुकर को मारकर न सिर्फ अपने बच्चों की मौत का बदला लिया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत भी हासिल की।
हिजबुल्लाह पर प्रभाव
फुआद शुकर की मौत हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका है। वह संगठन के अंदर एक महत्वपूर्ण कड़ी था और उसकी अनुपस्थिति से हिजबुल्लाह की योजनाओं और ऑपरेशनों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। शुकर की मौत से हिजबुल्लाह को अपने संगठन के अंदर नए नेतृत्व की तलाश करनी पड़ेगी, जो उसकी योजनाओं और ऑपरेशनों को पहले की तरह अंजाम दे सके।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच यह संघर्ष जारी रहेगा, लेकिन फुआद शुकर की मौत से यह स्पष्ट है कि इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इजरायल ने फुआद शुकर को मारकर यह संदेश दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी और वह अपने बच्चों की मौत का बदला लेने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।