सतनाम सिंह की दर्दनाक मौत ने इटली और भारत दोनों में ही गहरी संवेदनाओं को झकझोर दिया है। इस घटना ने न केवल मानवता पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि इटली की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को भी हिला कर रख दिया है। सतनाम सिंह, जो इटली के लैटिना क्षेत्र में कृषि मजदूर के रूप में काम कर रहे थे, का हाथ मशीन से कट गया था। इसके बाद उनके नियोक्ताओं ने उनकी मदद करने के बजाय, उन्हें गंभीर हालत में सड़क किनारे फेंक दिया। इस अमानवीय कृत्य के बाद, सतनाम सिंह की मौत हो गई और इस घटना ने इटली की संसद तक को हिला दिया।
इस घटना के बाद, इटली की श्रम मंत्री मरीना काल्डेरोन ने संसद में बयान दिया, जिसमें उन्होंने इस घटना को “बर्बरता” का एक उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि “लैटिना के ग्रामीण इलाकों में एक गंभीर दुर्घटना का शिकार हुए और बहुत गंभीर परिस्थितियों में छोड़े गए भारतीय कृषि मजदूर की मृत्यु हो गई है।” मंत्री काल्डेरोन ने उम्मीद जताई कि जिम्मेदार लोगों को उनके कृत्य का अंजाम भुगतना होगा और इस मामले की जांच तेजी से की जाएगी।
सतनाम सिंह के साथ हुआ यह दुर्व्यवहार इटली में प्रवासी मजदूरों के शोषण की एक दुखद कहानी है। लैटिना क्षेत्र में बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर काम करते हैं, जिनमें से कई बिना कानूनी दस्तावेजों के हैं। ये मजदूर कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर होते हैं और उन्हें न्यूनतम मानवाधिकारों से भी वंचित रखा जाता है। इस घटना ने उन समस्याओं को उजागर किया है, जिनसे प्रवासी मजदूर इटली में गुजर रहे हैं।
इटली की ट्रेड यूनियन Flai CGIL ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि “सतनाम सिंह जिनके यहां नौकरी करते थे, उन्होंने मदद के बजाय उन्हें कूड़े के ढेर की तरह घर के पास फेंक दिया।” यूनियन ने इस घटना को मानवता के खिलाफ एक जघन्य अपराध बताया और इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
घटना की जानकारी मिलने के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय भी सक्रिय हो गया। इटली में भारतीय दूतावास ने इस दुखद घटना की पुष्टि की और कहा कि वे स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। दूतावास ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर कहा, “दूतावास को इटली के लैटिना में एक भारतीय नागरिक की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की जानकारी है। हम स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। परिवार से संपर्क करने और कांसुलर सहायता प्रदान करने के प्रयास जारी हैं।”
इटली की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “सभ्यता की हार” बताया। पार्टी ने कहा कि यह इलाका मजदूरों के शोषण के लिए कुख्यात है और इस घटना ने उस कड़वे सच को उजागर किया है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस घटना को “नाटकीय जागरूकता” के रूप में देखा और सभी व्यक्तियों के लिए सम्मानजनक और मानवीय जीवन और कार्य की स्थिति सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया। पार्टी ने सतनाम सिंह की पत्नी और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
सतनाम सिंह की मौत ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि प्रवासी मजदूरों के अधिकार और उनकी सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। इस घटना ने इटली और भारत दोनों देशों में मानवाधिकार संगठनों और नागरिक समाज को सक्रिय कर दिया है। यह समय है कि सरकारें और समाज इन मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
सतनाम सिंह की मौत ने हमें यह याद दिलाया है कि मानवता की सच्ची पहचान उसकी संवेदनशीलता और सहायता में है। यह घटना एक कड़ी चेतावनी है कि अगर हम अपने आसपास के लोगों की भलाई का ख्याल नहीं रख सकते, तो हम मानवता के सच्चे अर्थ को खो देंगे। इस घटना से हमें सीख लेनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और हर व्यक्ति को उसकी गरिमा और सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिले।