पोलैंड के संसद में हुए एक घटना ने देश और विदेशों में बवाल मचा दिया है, जब धुर धक्षिणपंथी सांसद ग्रेजगोरज ब्रॉन ने संसद की लॉबी में हनुक्का मोमबत्तियां बुझाते हुए सिलेंडर से हंगामा खड़ा कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, वहां मौजूद लोगों में आक्रोश और विरोध बढ़ा है, और यह विवाद सारे देश में चर्चा का केंद्र बन गया है।
पोलैंड के संसद में हुए चुनावों के बाद देश को नया प्रधानमंत्री मिला है, और इस घड़ी में धरोहर और राजनीतिक दृष्टिकोण से विभिन्न संघर्षों का सामना हो रहा है। इस घड़ी के चलते, धुर धक्षिणपंथी सांसद ग्रेजगोरज ब्रॉन ने संसद की लॉबी में हनुक्का मोमबत्तियों का आच्छादन करके हंगामा मचाया। इसके दौरान, उन्होंने एक सिलेंडर का इस्तेमाल किया जिससे अचानक आग बुझी और लोगों को आश्चर्य में डाल दिया।
सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में यह दृश्य सामने आया है कि ब्रॉन ने सिलेंडर को खोलते हुए वहां से उड़ते हुए धुंए को छोड़ा, जिससे वहां के लोग परेशान हो गए। इसके परंतु, सीधे और प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया में उन्हें बाहर निकाला गया और स्पीकर ने ब्रॉन को सदन से निकालने का आदेश दिया।
इस घटनाक्रम के परंतु, दुनियाभर के यहूदी समुदाय में आक्रोश और आपत्ति का माहौल बना है। पोलैंड के प्रमुख रब्बी माइकल शूड्रिच ने ब्रॉन के किए पर विरोध जताया और कहा, “किसी ने हनुक्का मोमबत्तियां बुझा दीं और कुछ मिनट बाद हमने उन्हें फिर से जला दिया। हजारों सालों से, हमारे दुश्मन मैकाबीज़ के समय से लेकर हमास तक, हमें बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन दुश्मनों को सीखना चाहिए, वो हमें नहीं बुझा सकते।”
इस घटना ने विभिन्न धार्मिक और सामाजिक समूहों के बीच विवाद को उत्तेजित किया है और लोग इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। इस घटना ने धार्मिक आपत्तियों को और भी तेज कर दिया है और सांसद ब्रॉन को संसदीय दृष्टिकोण से उच्चाधिकारियों की तरफ से बर्खास्त किया गया है।